BSP गोलीकांड…मारे गए 17 मजदूरों को दी श्रद्धांजलि : नियोगी हत्याकांड जांच की दोबारा उठी मांग

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भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) की पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन सीटू ने एक नई मुहिम शुरू कर दी है। उसने कर्मचारियों की आवाज को उठाने के लिए ई-पत्रिका का सहारा लिया है। हिंदुस्तान स्टील एम्पलाइज यूनियन सीटू भिलाई (सीटू) ने एक जुलाई को पटरी पर गोली खाकर शहीद हुए मजदूरों को श्रद्धांजलि दी।

इस दौरान उन्होंने अपनी बहु प्रतिक्षित ई मासिक पत्रिका “कार्मिक बानी” को जारी किया। इस अवसर पर यूनियन के पदाधिकारी और कार्यकारिणी समिति सदस्यों के अलावा सेवानिवृत्ति कर्मचारी संघ के पदाधिकारी और कामरेड उपस्थित थे।

सीटू महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी ने कहा कि पत्रिका संगठन का हथियार होता है, यह ई-मासिक पत्रिका हर महीने जारी होगी, जिसमें एक माह के अंदर यूनियन द्वारा किए गए गतिविधियों के साथ-साथ कर्मियों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी शामिल रहेगी। इस पत्रिका में कर्मियों द्वारा पूछे गए सवाल और सीटू का जवाब भी जारी होगा।

कर्मियों के पक्ष में यूनियन द्वारा प्रबंधन को दिए गए पत्र प्रबंधन के स्तर पर विभिन्न बैठकों में की गई चर्चा। उसके निष्कर्ष इस पत्रिका में शामिल होगा। इस तरह यह ई मासिक पत्रिका कर्मियों की आवाज बनेगी।

हिंदुस्तान स्टील एम्पलाइज यूनियन भिलाई सीटू का अपना ब्लॉग भी है, जिसमें यह ई मासिक पत्रिका अपलोड की जाएगी। वेबसाइट में जाकर सीटू के सदस्य इस मासिक पत्रिका को पढ़ सकेंगे।

इसके साथ ही सीटू की कार्य प्रणाली क्या है? किस तरह से काम करती है? सीटू के सिद्धांत क्या है? सीटू के उद्देश्य क्या है? यूनियन में कार्य करने वालों के अधिकार क्या है? उनके कर्तव्य क्या है? जैसे कॉलम भी ई मासिक पत्रिका में लिखे जाएंगे।

ई मासिक पत्रिका का संपादक मंडल

कार्मिक बानी की मासिक पत्रिका के मुख्य संपादक जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी एवं कार्यकारी संपादक डीवीएस रेड्डी हैं। संपादक मंडल के सदस्यों में सविता मालवीय, एसपी डे, टी जोगा राव, केवेंद्र सुंदर हैं। इसके अतिरिक्त सभी जोन के सचिव इस पत्रिका के संपादन से जुड़े रहेंगे।

नियोगी हत्याकांड की दोबारा जांच की हुई मांग

भिलाई पावर हाउस स्टेशन में 1992 में हुए गोलीकांड की याद में सोमवार को हजारों मजदूरों ने अपने दिवंगत साथियों को पावर हाउस स्टेशन पर श्रद्धांजलि दी। वहीं एसीसी चौक में भी 32 वर्ष पहले मजदूर नेता शंकर गुहा नियोगी की हत्याकांड को याद किया गया।

मजदूर नेताओं ने कहा कि मजदूरों के आंदोलन को कुचलने के लिए पुलिस प्रशासन ने उन पर गोलियां चलाई थी। इस गोलीकांड में 17 मजदूरों की मौत हुई थी। उसी गोलीकांड की याद में छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा हर वर्ष 1 जुलाई को शहादत दिवस के रूप में इसे मनाता आ रहा है। इस मौके पर छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा ने शंकरगुहा नियोगी हत्याकांड की दोबारा जांच कराने की मांग की है।

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