5 साल से बंद स्पोर्ट्स कोटे की सरकारी नौकरियां फिर शुरू

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में 5 साल से बंद स्पोर्ट्स कोटे की सरकारी नौकरियां फिर शुरू होने वाली हैं। साय सरकार ने इसकी कवायद शुरू कर दी है। दरअसल, 2018 में स्पोर्ट्स कोटे से सिर्फ एक खिलाड़ी को नौकरी मिली थी। इसके बाद भूपेश सरकार ने उत्कृष्ट खिलाड़ियों के चयन की प्रक्रिया की, पर अधूरी रह गई। भास्कर को पता चला कि भूपेश सरकार में नेशनल, इंटरनेशनल खिलाड़ियों के अलावा विवि स्तर के खिलाड़ियों को भी सरकारी नौकरी के लिए पात्र कर दिया गया था।

इससे खिलाड़ियों की संख्या अधिक हो गई थी। 5 साल तक खिलाड़ियों ने आंदोलन किए, पर भर्ती नहीं हुई। अब साय सरकार इस नियम में बदलाव के लिए समिति बनाने जा रही है। सूत्रों की मानें तो समिति में विवि के सर्टिफिकेट से सरकारी नौकरी मिलने के प्रावधान को खत्म किया जाएगा। सिर्फ नेशनल, इंटरनेशनल खिलाड़ियों को ही उत्कृष्ट का सर्टिफिकेट मिलेगा।

कई यूनिवर्सिटी खेल नेशनल स्तर पर शामिल ही नहीं

उत्कृष्ट खिलाड़ी नियम में इंटरनेशनल, नेशनल, ओ​लिंपिक, एशियन गेम के अलावा विश्वविद्यालय खेल में स्वर्ण और कांस्य पदक पाने वाले खिलाड़ी भी शामिल थे। 2018 में अंतिम बार ऐसे खिलाड़ियों से आवेदन मंगाए गए थे। इसके बाद भूपेश सरकार में एक बार फिर आवेदन मंगाए गए।

इसमें शिकायतें आई कि विश्वविद्यालय स्तर पर खेले जाने वाले खेलों को पात्र मान लिया गया, जबकि वे खेल नेशनल-इंटरनेशनल स्तर पर शामिल नहीं हैं। इससे विवाद हुआ और कोई निर्णय नहीं हो पाया। कांग्रेस सरकार में अलंकरण समारोह भी बंद रहे। अब नई सरकार दो-दो साल का एक साथ अलंकरण समारोह कर रही है।

पुराना पैटर्न: मप्र के नियम लागू

नीति में बदलाव करने के लिए खेल एवं युवा कल्याण विभाग दूसरे प्रदेशों का अध्ययन भी कर रही है। विभाग की मानें तो अभी मध्यप्रदेश के नियम ही चले आ रहे हैं। कई खेल ऐसे हैं जो छत्तीसगढ़ में खेले ही नहीं जाते, कई पुरस्कार ऐसे हैं जो मप्र में दिए जाते हैं, उन्हें हटाया जाएगा। बता दें कि सरकारी विभागों में स्पोर्ट्स कोटे के लिए 2% नौकरियां आरक्षित होती हैं।

विधानसभा में भी उठा है मुद्दा

विधानसभा में भी बजट सत्र में उत्कृष्ट खिलाड़ियों को नौकरी देने का मुद्दा उठा था। भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने पूछा था कि क्या उत्कृष्ट खिलाड़ियों को नौकरी देने की कार्रवाई की जाएगी। खेल मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा था- भूपेश सरकार के पांच सालों में न उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सूची प्रकाशित हुई, न कोई अलंकरण समारोह हुआ, न उन्हें नौकरी दी गई।

इन विभागों में मिलती है नौकरी

ओलिंपिक, एशियाड, कॉमनवेल्थ, एशियन चैम्पियनशिप में पदक प्राप्त खिलाड़ियों को द्वितीय श्रेणी के पदों पर भर्ती दी जा सकती है। ये नौकरियां पुलिस, वन, जेल विभाग, आबकारी, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में मिलती है। जिन खिलाड़ियों ने ऐसी प्रतियोगिताओं में पदक नहीं हासिल किए हैं, लेकिन उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित किए जाते हैं, उन्हें तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियुक्ति दी जा सकती है।

उत्कृष्ट खिलाड़ियों के ​चयन के लिए समिति बनाई है, उसके सुझावों पर नियमों में बदलाव होगा

कांग्रेस सरकार में नौकरियां बंद थीं, लेकिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिशानिर्देशों पर चलकर हम इसे दोबारा बहाल करने का प्रयास कर रहे हैं। उत्कृष्ट खिलाड़ियों के नियमों में बदलाव के लिए एक समिति बनाई गई है। जो दूसरे राज्यों के बेहतर प्रयासों पर अध्ययन कर सुझाव देगी। इसके बाद नियमों में बदलाव होगा।

-टंकराम वर्मा, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री

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