छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में रेंजर सहित वन विभाग की टीम को 20-25 लोगों ने जमकर पीटा। उनके कपड़े उतरवाए और फिर लाठी-डंडों से पिटाई की। बदमाशों ने वनकर्मियों से उनका मोबाइल और रुपए भी छीन लिए। इसके बाद वनकर्मी किसी तरह से जान बचाकर भागे और साड़ी लपेटकर थाने पहुंचे।
वन विभाग की टीम रेंजर राकेश परिहार के साथ शनिवार को उदंती सीतानदी अभयारण्य में अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। इस दौरान बफर जोन के तौरेंगा वन परिक्षेत्र में गोना नवापारा निवासी अशोक नेताम ट्रैक्टर से वन भूमि में अवैध रूप से जुताई कर रहा था। वन अमले को देखकर आरोपी वहां से ट्रैक्टर लेकर भाग निकले।
अचानक 20-25 ग्रामीणों पहुंचे
जुताई कर रहे लोगों के जाने के बाद वन विभाग की टीम घटना स्थल का मुआयना कर रही थी। तभी गांव की ओर से 25 से 30 लोग पहुंच गए। लोगों ने रेंजर और वन कर्मचारियों को चारों तरफ से घेरकर पकड़ लिया। रेंजर परिहार और बाकी तीनों कर्मियों के कपड़े उतरवाए और मोबाइल, पैसे भी छीन लिए। फिर उन्हें लाठी-डंडों से पीटा।
भीड़ में महिलाएं भी थीं
घायल वन परिक्षेत्र अधिकारी राकेश परिहार ने बताया कि वे अवैध अतिक्रमण रोकने गए थे। 25-30 महिला-पुरुषों ने उन्हें पकड़कर जमकर मारपीट की। मोबाइल, पर्स, जूता, चप्पल, पैसा सब छीन लिया। मारपीट के बाद एक महिला ने सिर्फ सरकारी वाहन की चाबी वापस की। अर्धनग्न हालत में हमने रक्शापत्थरा लघु वनोपज सहकारी समिति के प्रबंधक के घर पहुंचे।
लिखित शिकायत हुई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं
सहयोगी कर्मियों ने धोती, साड़ी में लपेट कर पहले थाना पहुंचाया। जहां रेंजर परिहार ने मामले की लिखित शिकायत दर्ज कराई। हालांकि शोभा थाने में FIR लिखने और कार्रवाई करने की जानकारी नहीं मिली है। शिकायत के बाद सभी का मैनपुर में प्राथमिक इलाज कराया गया इसके बाद सभी को गरियाबंद रेफर किया गया है।
घटना की सूचना लगते ही उप संचालक वरुण जैन और पुलिस अफसर अस्पताल पहुंच गए थे। मामले की पुष्टि करते हुए अभयारण्य के उप संचालक वरुण जैन ने कहा कि वन कर्मी अफसरों के साथ अतिक्रमणकारियों ने मारपीट की है। इसमें उचित कानूनी कार्रवाई करने कहा गया है। मैनपुर SDOP पुलिस बाजीलाल सिंह ने बताया कि वन विभाग द्वारा मामले की सूचना दी गई है। रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।