रीएजेंट किट की कमी से जूझ रहे छत्‍तीसगढ़ के दर्जभर भर जिलों के सरकारी अस्‍पताल, शुगर टेस्ट के साथ खून की जांचें हुई बंद

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के कई सरकारी अस्पतालों की लैब में खून की जांचें बंद होने से गरीब मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें मजबूरन निजी पैथालॉजी सेंटरों में जाकर जांच करवानी पड़ रही है, जो उनके लिए आर्थिक रूप से कठिन है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इस मुद्दे का स्वतः संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य विभाग से जवाब मांगा है, और इस मामले की सुनवाई 10 जुलाई को होनी है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, बिलासपुर, बलौदाबाजार, कोरबा, दंतेवाड़ा, कवर्धा, गरियाबंद, मुंगेली, नारायणपुर, राजनांदगांव, सुकमा, बलरामपुर, और गौरेला पेंड्रा मरवाही सहित कई जिलों में रिएजेंट किट की कमी के कारण खून की जांचें बंद पड़ी हैं।

रिएजेंट किट की समस्‍या का हाईकोर्ट ने स्‍वत: लिया संज्ञान

स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि इस समस्या के बारे में कई जिलों ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर सूचित किया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इस मुद्दे का स्वतः संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य विभाग से जवाब मांगा है, और इस मामले की सुनवाई 10 जुलाई को होनी है। प्रदेश का सबसे बड़ा आंबेडकर अस्पताल भी विगत दो वर्षों से रिएजेंट किट की समस्या से जूझ रहा है। रायपुर के जिला अस्पताल में करीब 70 प्रतिशत जांचें नहीं हो पा रही है। प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ केंद्रों से सैंपल जांच के लिए जिला अस्पताल के हमर लैब में भेजा जाता है।

विभाग के अधिकारियों ने बताया किया कि जिला अस्पतालों में रिएजेंट किट महीनों से समाप्त हो चुकी है। रिएजेंट किट की आपूर्ति सीजीएमएससी द्वारा की जानी है, और इस कमी की सूचना सीएमएचओ को पहले ही दी जा चुकी है। अधिकारियों ने तत्काल आपूर्ति की व्यवस्था करने का अनुरोध किया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उम्मीद है कि हाईकोर्ट की सुनवाई के बाद इस पर कोई स्पष्ट उत्तर मिलेगा।

रिएजेंट किट की कमी से ये जांचें प्रभावित

प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के लैब में रिएजेंट किट की किल्लत की वजह से शुगर टेस्ट, लिपिड प्रोफाइल, लिवर फंक्शन टेस्ट, किडनी फंक्शन टेस्ट, हेमेटोलाजी टेस्ट (हीमोग्लोबिन, रेड और व्हाइट ब्लड सेल्स के स्तर की जांच) जैसी सामान्य और बड़ी जांच नहीं हो पा रही हैं। इससे मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है।

इस गंभीर स्थिति ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की वर्तमान स्थिति पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं और सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली की कड़ी आलोचना हो रही है। मरीजों और उनके परिवारों की बढ़ती परेशानियों को देखते हुए, इस समस्या का त्वरित समाधान निकालना आवश्यक है। इस मामले में स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री श्‍याम बिहारी जायसवाल ने कहा, रीएजेंट किट की कमी नहीं है। जहां कमी है वहां आपूर्ति के निर्देश दिए गए हैं। व्‍यवस्‍था को दुरूस्‍त करने का काम किया जा रहा है।

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