समिति के लोगों ने विधि विधान से पूजा-अर्चना कर भगवान श्री बलभद्र, माता सुभद्रा और महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी के विग्रह को पंहडी करते हुए काष्ठ निर्मित भव्य रथ पर लाया गया। इस वर्ष रथ यात्रा के दौरान रथ के समक्ष परम्परा अनुसार छेरा-पंहरा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) डॉ. अशोक कुमार पंडा रहे।
हजारों की संख्या में भगवान के भक्त पहुंचे
उन्होंने बताया कि पुरी में यह परम्परा पुरी के महाराज सम्पन्न कराते हैं। छेरा-पंहरा के पश्चात भक्त जनों ने ‘जय जगन्नाथ’ के उद्घोष के साथ रथ खींचना प्रारंभ किया। इस दौरान हजारों की संख्या में भक्त भगवान के रथ को खींचने के लिए पहुंचे थे। जैसे जैसे रथ आगे बढ़ता जाता उसके साथ साथ सैकड़ों युवा युवतियां महिलाएं बच्चे नाचते गाते आगे बढ़ रहे थे।
हजारों की संख्या में श्रद्धालु सड़क के दोनों ओर खड़े थे
कुछ भक्त झांझ, मंजीरे, ढ़ोल, मृदंग बजाते हुए कीर्तन दल और भक्ति संगीत के धुन में नाचते-गाते रथ खींच रहे थे। सेन्ट्रल एवेन्यु में महाप्रभु के दर्शन और पूजा अर्चना के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु सड़क के दोनों ओर खड़े थे। महाप्रभु का रथ सेन्ट्रल एवेन्यु में पहुंचते ही रथ खींचने और दर्शनार्थ भारी संख्या में लोग उमड़ पड़े। इसी तरह सेक्टर 2, सेक्टर 4 सहित सभी चौक चौराहों पर भक्त सड़क पर खड़े होकर भगवान के दर्शन करते दिखे।
अन्न व गजामूंग का हुआ प्रसाद वितरण
यात्रा के दौरान अन्न प्रसाद और गजामूंग के प्रसाद का वितरण किया गया। कई स्थानों पर अलग-अलग संस्थाओं और समाज ने रथ का भव्य स्वागत किया। पंडाल लगा कर श्रद्धालुओं को भोग और शर्बत का वितरण किया गया। रथ का संचालन वृंदावन स्वांई, बीसी बिस्वाल, लखन बिस्वाल और टीम ने किया।