बारिश के मौसम में मच्छरों के बढ़ने के साथ ही कई तरह की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. इसमें मलेरिया (Malaria) शामिल है. मलेरिया मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी है. यह एक गंभीर बीमारी (Malaria ke Lakshan)है और कभी कभी जानलेवा साबित होती है. इसमें तेज बुखार और सिर दर्द (Sirdard) की शिकायत होती है. एशिया और अफ्रीका के अधिकतर देशों में मलेरिया का प्रकोप पाया जाता है. भारत में मलेरिया होने से लोग सालों भर बीमार होते हैं लेकिन बरसात में यह काफी बढ़ जाता है. बरसात में घर के आसपास जमा पानी में मच्छर तेजी से बढ़ते हैं जिसके कारण मच्छरों के कारण होने वाली बीमारी मलेरिया (Malaria ka ilaj) भी तेजी से फैलने लगती है.
मलेरिया के लक्षण
मलेरिया के लक्षणों में बुखार आना, सिर में दर्द, उल्टी होना, जी मिचलाना,ठंड लगना, चक्कर आना और थकान शामिल है. इसके लक्षण फ्लू के समान होते हैं. लक्षण सामने आने पर जल्दी से जल्दी उपचार शुरू करना जरूरी होता है.
मलेरिया के कारण
मलेरिया मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने होने वाली बीमारी है. बरसात में पानी जमने के कारण मच्छर तेजी से पनपते हैं. घर के आसपास सफाई नहीं रखने, कूलर, एसी, फ्रिज की ट्रे या किसी भी बर्तन में पानी जमा रहने के कारण मच्छरों के पनपने का खतरा होता है.
मलेरिया से बचाव के उपाय
मलेरिया के जिम्मेदार मच्छर मादा एनोफिलीज अधिकतर शाम या रात को काटती हैं. मलेरिया से बचने के लिए पूरी बॉडी को ढकने वाले कपड़े पहनने चाहिए. घर के आसपास या घर में कहीं पानी जमा नहीं होने देना चाहिए. इसके साथ ही बारिश के मौसम में साफ सफाई पर पूरा ध्यान देना चाहिए. बुखार आने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. रात में मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.