रायपुर। छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति एक नवंबर से लागू होगी, जिसमें पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बनी नीतियों की खामियों को दूर करते हुए नए सिरे से नीतियां बनाई जा रही है। अन्य राज्यों की नीतियों को लेकर भी उद्योग विभाग की टीम ने अध्ययन किया है।
नई औद्योगिक नीति लागू करने के पहले देश के प्रमुख राज्यों का दौरा किया जा चुका है। औद्योगिक-व्यापारिक संगठनों से नई औद्योगिक नीति को लेकर सुझाव भी लिया जा चुका है। इन सबके आधार पर छत्तीसगढ़ की नई नीति 2024-2029 लांच की जाएगी।
नई औद्योगिक नीति में यह खास होगा
2. हर वर्ष इनवेस्टर्स मीट का आयोजन।
3. छत्तीसगढ़ में स्मार्ट टूरिज्म के लिए पर्यटन क्षेत्रों का विकास।
4. स्थानीय युवा व महिलाओं को नवीनतम उद्योग शुरु करने के लिए आकर्षक लाभ।
5. लॉजिस्टिक सुविधाएं, आटोमोबाइल्स सेक्टर को बढ़ावा देना।
6. प्रदेश में नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना, क्लस्टर में उद्योगों की स्थापना।
7. निवेश को आकर्षित करने एमओयू के बाद समय-सीमा के भीतर जमीन व सुविधाएं उपलब्ध कराना।
8. रोबोटिक्स, डिफेंस, एआइ तकनीक को बढ़ावा मिलेगा।
9. नान कोर सेक्टर, फूड प्रोसेसिंग, आइटी, सर्विस सेक्टर को प्रोत्साहन।
10. प्रदूषण रहित उद्योगों पर विशेष जोर, इलेक्ट्रिक व्हीकल, उत्पादों की मैन्युफेक्चरिंग।
11.सिंगल विंडो सिस्टम को कारगर बनाते हुए निवेश को आकर्षित करना।
प्रदेश की छह नई कंपनी एनएसई में सूचीबद्ध
उद्योग विभाग के समन्वय से राजधानी में शुक्रवार को आयोजित नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सेमीनार में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि नई औद्योगिक नीति के आधार पर यहां निवेश करने का एक बड़ा आकर्षण होगा, जो न केवल राज्य के विकास को तेजी से आगे बढ़ाने में मदद करेगा। हाल ही में सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 का शुभारंभ किया गया है। पोर्टल पर एक बार आवेदन से ही सभी विभागों का क्लीयरेंस मिलेगा। साय सरकार ने पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ का बजट पांच लाख करोड़ से 10 लाख करोड़ करने का लक्ष्य रखा है। छत्तीसगढ़ में लगभग 600 बड़ी कंपनियां संचालित है, जिसमें से हाल ही में राज्य की 6 इकाइयों को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया है। देश में लगभग 2,512 कंपनियां एनएसई में रजिस्टर्ड है, जिनकी कुल बाजार पूंजी 464.38 लाख करोड़ रुपये है।