छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में निलंबित IAS अनिल टुटेजा को यूपी पुलिस रविवार को ट्रांजिट रिमांड पर मेरठ लेकर निकली है। टुटेजा को यूपी STF ने नकली होलोग्राम केस में गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ मेरठ कोर्ट ने वारंट जारी किया था। यूपी STF सोमवार को टुटेजा को मेरठ कोर्ट में पेश करेगी। वहीं अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी को भी पेश किया जाएगा। इससे पहले यूपी STF ने दोनों आरोपियों को 3 दिन की रिमांड पूरी होने के बाद 1 जुलाई को मेरठ कोर्ट में पेश किया था। सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों को 15 जुलाई तक जेल भेजा था।
एक साथ होगी ‘AAA’ की पेशी
नकली होलोग्राम मामले में सोमवार यानी 15 जुलाई को ट्रिपल ‘A’ यानी अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और अरुण पति त्रिपाठी को एक साथ कोर्ट में पेश करने की तैयारी है। जानकारी के मुताबिक, कोर्ट में सुनवाई के बाद टुटेजा को न्यायिक रिमांड पर भेजा जा सकता है। वहीं एपी और अनवर की भी ज्यूडिशियल रिमांड बढ़ सकती है।
यूपी STF करेगी पूछताछ
यूपी STF की टीम ने अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी से पूछताछ की थी। जिसमें त्रिपाठी ने कई महत्वपूर्ण खुलासे किए थे। अब यूपी STF की टीम तीनों आरोपियों को पुलिस रिमांड में लेने की कोशिश करेगी। सूत्रों से मुताबिक, तीनों आरोपियों को एक साथ बैठकर पूछताछ की जाएगी।
12 दिन पहले हुई थी ढेबर-त्रिपाठी की रायपुर से गिरफ्तारी
यूपी STF ने कारोबारी अनवर ढेबर को 12 दिन पहले 18 जून की शाम को गिरफ्तार किया था। उसी दिन ढेबर को शराब घोटाले में जमानत मिली थी। इसके बाद से ही ढेबर और छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CSMCL) के निलंबित MD एपी त्रिपाठी यूपी STF की कस्टडी में हैं।
आरोपी बोले- डिस्टलरी सबसे बड़ी बेनिफिशियरी
इससे पहले यूपी STF की पूछताछ में दोनों ने बताया है कि इस घोटाले की सबसे बड़ी बेनिफिशियरी डिस्टलरी कंपनियां (शराब निर्माता कंपनियां) थीं। इनमें भाटिया वाइन एंड मर्चेट प्राइवेट लिमिटेड, छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज और वेलकम डिस्टलरीज शामिल हैं।
दोनों आरोपियों ने यह भी बताया कि, नोएडा स्थित विधु की कंपनी मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड (PHSF) को होलोग्राम बनाने का टेंडर मिला था। उसी से डूप्लीकेट होलोग्राम बनाकर इन तीनों डिस्टलीरज को भेजा जाता था। वहां से अवैध शराब पर इन होलोग्राम को लगाया जाता था
पहले जानिए क्या है नकली होलोग्राम केस
FIR के मुताबिक, नोएडा स्थित PHSF नाम की कंपनी को टेंडर मिला था। यह टेंडर छत्तीसगढ़ के एक्साइज डिपार्टमेंट ने होलोग्राम की आपूर्ति करने के लिए अवैध रूप से दिया गया। कंपनी टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र नहीं थी।
आरोप है कि, आबकारी विभाग के विशेष सचिव AP त्रिपाठी, तत्कालीन आबकारी कमिश्नर निरंजन दास, तत्कालीन IAS अनिल टुटेजा ने टेंडर के लिए उसकी शर्तों में संशोधन किया। बदले में कंपनी के मालिक विधु गुप्ता से प्रति होलोग्राम 8 पैसे का कमीशन लिया गया। छत्तीसगढ़ में सरकारी दुकानों से अवैध देसी शराब की बोतल बेचने के लिए बेहिसाब डूप्लीकेट होलोग्राम लिए गए।
फर्जी ट्रांजिट पास से होती थी सप्लाई
टेंडर मिलने के बाद विधु गुप्ता डूप्लीकेट होलोग्राम की सप्लाई छत्तीसगढ़ के सक्रिय सिंडिकेट को करने लगा। यह सप्लाई CSMCL के तत्कालीन एमडी अरुणपति त्रिपाठी के निर्देश पर हुई। सिंडिकेट के सदस्य डूप्लीकेट होलोग्राम को विधु गुप्ता से लेकर सीधे तीनों शराब निर्माता कंपनियों को पहुंचा देते थे।
इन डिस्टलरीज में होलोग्राम को अवैध शराब की बोतलों पर चिपकाया जाता था। इसके बाद अवैध बोतलों को फर्जी ट्रांजिट पास के साथ CSMCL की दुकानों तक पहुंचाया जाता था। फर्जी ट्रांजिट पास का काम छत्तीसगढ़ के 15 जिलों के आबकारी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से होता था।
तीन साल तक हर महीने 400 ट्रक अवैध शराब बेची
इन दुकानों पर गैंग के कर्मचारी रहते थे। जो अवैध शराब को असली शराब के साथ बेच देते। इसका पैसा अलग से इकट्ठा करते। अवैध शराब से आया पैसा गैंग सदस्य अलग से कलेक्ट करते। इसके बाद पैसे को बड़े अधिकारियों के पास पहुंचाया जाता। गैंग में शामिल सभी सदस्यों का कमीशन फिक्स था। 2019 से 2022 तक हर महीने 400 ट्रक की अवैध शराब की सप्लाई की गई।
इन्हें भी बनाया गया आरोपी
जुलाई 2023 में छत्तीसगढ़ आबकारी घोटाले से जुड़े नकली होलोग्राम मामले में ED ने नोएडा के कासना थाने में तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास, अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी और तत्कालीन सचिव इंडस्ट्रीज निलंबित IAS अनिल टुटेजा के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
इनके अलावा PHSF के डायरेक्टर विधु गुप्ता के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 484, 120बी IPC और 7/13.7 (क) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया था ।
जानिए…होलोग्राम होता क्या है
अक्सर आपने कई चीजों पर उनकी प्रमाणिकता साबित करने के लिए उन पर कंपनी का बना हुआ होलोग्राम देखा होगा। वास्तव में होलोग्राम फोटोग्राफ की तरह ही है, जो 3डी जैसे होते हैं। होलोग्राम एक ऐसी इमेज बनाता है, जिसे एक से ज्यादा एंगल से देखा जा सकता है। जब आप होलोग्राम देखते हैं, तो ऐसा लगता है कि आप एक इमेज ना देखकर एक एक्चुअल फिजिकल ऑब्जेक्ट को देख रहे हैं।