निकायों में होने वाले कार्यों की गुणवत्ता तथा समयसीमा पर उच्च स्तरीय निगरानी समिति नजर रखेगी

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रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के नगरीय निकायों में होने वाले कार्यों की गुणवत्ता तथा समयसीमा पर उच्च स्तरीय निगरानी समिति नजर रखेगी। राज्य शासन ने निर्धारित समय-सीमा में उच्च गुणवत्तायुक्त निर्माण कार्य पूर्ण कराने तथा परियोजनाओं की प्रगति की नियमित समीक्षा के लिए विभागीय उच्च स्तरीय निगरानी समिति का गठन किया है। नगरीय प्रशासन विभाग के गठित उच्च स्तरीय निगरानी समिति का विस्तार सभी नगरीय निकायों में भी किया जाएगा।समिति नगरीय निकायों में मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और मंत्री की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन, विभागीय सचिव के सौंपी गई अन्य योजनाओं और परियोजनाओं की समीक्षा करेगी। शासन स्तर पर समिति के नोडल अधिकारी विभागीय उप सचिव और सहायक नोडल अधिकारी विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (तकनीकी) होंगे। संचालनालय स्तर पर अपर संचालक नोडल अधिकारी तथा मुख्य अभियंता सहायक नोडल अधिकारी होंगे। सूडा स्तर पर समिति के नोडल अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी और सहायक नोडल अधिकारी अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी या उप मुख्य कार्यपालन अधिकारी होंगे। निगम स्तर पर नोडल अधिकारी संबंधित आयुक्त और वरिष्ठतम अभियंता सहायक नोडल अधिकारी होंगे। वहीं, क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर संयुक्त संचालक नोडल अधिकारी और कार्यपालन या अधीक्षण अभियंता सहायक नोडल अधिकारी होंगे।

नगर पालिका और नगर पंचायत स्तर पर नोडल अधिकारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी और सहायक नोडल अधिकारी वरिष्ठतम अभियंता होंगे। सूडा की ओर से समिति के लिए ऑनलाइन पोर्टल का निर्माण किया जाएगा, जिसके माध्यम से सभी परियोजनाओं की समीक्षा की जाएगी।

– नगरीय निकायों के नोडल अधिकारी 15 दिनों में परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर ऑनलाइन पोर्टल में कार्रवाई विवरण दर्ज करेंगे।

– नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं में 45 दिनों में संचालनालय या सूडा स्तर पर समीक्षा होगी।

– नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों की निकाय स्तर पर समीक्षा के बाद हर माह क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर प्रगति की समीक्षा होगी।

– शासन स्तर पर उप सचिव की ओर से प्रत्येक तिमाही में प्राप्त प्रतिवेदनों की समीक्षा की जाएगी।

– अलग-अलग स्तर के अधिकारियों की संयुक्त टीम महत्वपूर्ण योजनाओं की प्रगति का स्थल निरीक्षण भी करेगी।

– समिति की निर्धारित समीक्षा बैठकें आयोजित कराने सूडा की ओर से अलग से विभागीय उच्च स्तरीय निगरानी प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा।

– सचिव की ओर से उच्च स्तरीय निगरानी समिति के कार्यों की समीक्षा के साथ छह महीने में एक बार समीक्षा की जाएगी।

– सूडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की ओर से समिति के कार्यों का प्रतिवेदन हर तीन महीने में विभागीय सचिव को भेजा जाएगा।

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