ऑपरेशन के बाद पक रहे मरीजों के टांके, हर दिन चार को वापस आना पड़ रहा बीएमसी

Spread the love

सागर. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में मरीजों की देखभाल में लापरवाही बरती जा रही है। सबसे ज्यादा दिक्कत गायनी, सर्जिकल और हड्डी विभाग के मरीजों को हो रही है। इन तीन विभागों में ऑपरेशन के बाद मरीजों के टांके पक रहे हैं। हालात ये हैं कि हर दिन 4 मरीज घर से वापस बीएमसी इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। टांके पकने के लिए डॉक्टर्स और वार्ड का स्टाफ जिम्मेदार है, जो मरीजों की मॉनीटरिंग में लापरवाही बरतते हैं।
इस समय गायनी में सबसे ज्यादा प्रतिदिन 20 ऑपरेशन हो रहे हैं। सर्जरी और हड्डी विभाग में भी ऑपरेशन चल रहे हैं। बीएमसी के तमाम ऑपरेशन थियेटर दोपहर 1 बजे तक व्यस्त रहते हैं। ऑपरेशन के लिए लगी मरीजों की लाइनों को देखकर डॉक्टर्स व स्टाफ लापरवाह बना हुआ है। ऑपरेशन थियेटर के बाद मरीजों को वार्डों में शिफ्ट किया जाता है, जहां संक्रमण से बचाने के प्रयास नहीं किए जाते और मरीजों के टांके पक जाते हैं। इसमें महिलाओं की संख्या ज्यादा है।
एक साथ 3-4 मरीजों की करते हैं ड्रेसिंग
मरीजों के परिजनों की मानें तो ऑपरेशन के बाद वार्ड में भर्ती मरीजों की देखरेख में लापरवाही की जाती है। हर दिन होने वाली ड्रेसिंग के लिए स्टाफ एक ही ग्लव्स पहनकर 3-4 मरीजों की ड्रेसिंग कर देता है, ताकि उसे बार-बार ग्लव्स न बदलना पड़े, जबकि नियमानुसार एक मरीज को देखने के लिए एक जोड़ी ग्लव्स उपलब्ध रहते हैं।
सिर्फ ओटी संक्रमण रहित, वार्डों में दिक्कत
ऑपरेशन थियेटर का फ्युमिगेशन यानी ओटी को संक्रमण रहित करने की प्रक्रिया तो हर रविवार को हो रही है लेकिन वार्डों में स्थिति खराब है। दूसरी वजह सरकारी सप्लाई में आने वाले कम पावर के एंटीबायोटिक इंजेक्शन भी जिम्मेदार बताए जाते हैं।
फैक्ट फाइल
9 ऑपरेशन थियेटर।
30-35 ऑपरेशन रोज हो रहे।
35-40 मरीज पके टांके के साथ भर्ती।
3 विभाग में ज्यादा परेशान।
3-4 मरीज रोज शिकायत लेकर पहुंच रहे।
-बारिश में संक्रमण ज्यादा रहता है, इसलिए मरीजों को पर्सनल हाइजीन की आवश्यकता है। बीएमसी में मरीजों की संख्या ज्यादा रहती है। टांके पकने की प्रमुख वजह कमजोर इम्युनिटी और हीमोग्लोबिन कम होना भी होता है। यदि कोई कर्मचारी एक ग्लव्स पहनकर एक साथ 2-3 मरीजों की ड्रेसिंग कर रहा है, तो ये बेहद गंभीर बात है, मामला संज्ञान में आने पर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. राजेश जैन, अधीक्षक बीएमसी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *