राजनांदगांव में 20-25 हजार घरों को नहीं मिला पानी : मोहरा नदी में बाढ़ से इंटकवेल में फंसा कचरा, करीब डेढ़ लाख आबादी प्रभावित…!!

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छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में पिछले 5 दिनों से झमाझम बारिश हो रही है। नदी-नाले उफान पर हैं। निचली बस्तियों में पानी भरा हुआ है। मोगरा जलाशय से बार-बार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे शिवनाथ नदी में बाढ़ की स्थिति है। वहीं मोहरा नदी में बाढ़ के कारण पानी सप्लाई बंद है। मिली जानकारी के मुताबिक मोहरा नदी में बने डैम से राजनांदगांव में पानी की सप्लाई होती है, लेकिन नदी में बने इंटकवेल में कचरा फंस जाने की वजह से पानी की सप्लाई नहीं हो सकी है। करीब 20 से 25 हजार घरों में पानी नहीं पहुंचा। 1 लाख 50 हजार की आबादी प्रभावित हुई है। पिछ 48 घंटे से यही स्थिति है, कभी नल में पानी आ रहा है, कभी नहीं आ रहा है।

झमाझम बारिश से किसानों को मिली राहत

राजनांदगांव जिले में भरपूर बारिश होने से किसानों को राहत मिली है। किसान अपने किसानी कार्य में लगे हुए हैं। कई इलाकों में धान की रोपाई का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। बताया जा रहा है कि लगभग 10 साल बाद जुलाई में बारिश की झड़ी लगी है।

दुर्ग संभाग में तेज बारिश

मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा के मुताबिक लंबे समय बाद जुलाई में ऐसी बारिश दर्ज हो रही है। पूर्वी मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ में लो प्रेशर एरिया में बना हुआ है, जिसकी वजह से लगातार बारिश हो रही है।इसके अलावा एक हवा का चक्रीय परिसंचरण भी मौजूद है, जो सिस्टम को मजबूत कर रहा है। करीब 5 दिन से यह दोनों सिस्टम दुर्ग संभाग में तेज बारिश करा रहा है।

2015 में दर्ज हुई थी ऐसी बारिश

राजनांदगांव जिले में 19 जुलाई से अच्छी बारिश शुरू हुई है। 5 दिनों में ही 214 मिली मीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो इन दिनों की औसत बारिश से 17 फ़ीसदी अधिक है, जबकि 15 जुलाई तक की स्थिति में जिले में औसत से 70% कम बारिश थी। 5 दिन में हुई बारिश ने औसत बारिश के आंकड़े को सुधार दिया है।

राजनांदगांव मं बारिश की वजह से सड़कों में आवाजाही कम है। रोजमर्रा के सामानों के लिए ही लोगों को छाता और रैन कोट का सहारा लेना पड़ रहा है। ‌

भारी बारिश की वजह से शहर में पेयजल की संकट

भारी बारिश से शहर में पेयजल संकट गहरा गया है। शिवनाथ नदी में बाढ़ के साथ कचरा बहकर आ रहा है, जो नदी में बने इंटकवेल में फंसने लगा है। इससे मोहारा का 27 एमएलडी फिल्टर प्लांट बंद हो गया है। इससे शहर में वाटर सप्लाई आधी रह गई है।

प्लांट बंद होने से टंकियां में जलभराव नहीं

27 एमएलडी प्लांट के पानी से ही शहर के 6 प्रमुख टंकियों को भरा जाता है। प्लांट बंद होने से टंकियां में जलभराव नहीं हो रहा है। 10 एमएलडी और 17 एमएलडी के दो अन्य प्लांट में से इन टंकियों को भरने का प्रयास हो रहा है, लेकिन यह भी संभव नहीं हो पा रहा है।

पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा

इसके चलते आधे शहर में इन दोनों सिर्फ एक टाइम पानी आ रहा है। बताया जा रहा है कि दोनों टाइम पानी देने का प्रयास किया जा रहा है। वहां नल खुलने की टाइमिंग कम हो गई है। हालात यह है कि भारी बारिश के बीच अब शहर के लोगों को पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है।

बैराज से 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया

नगर निगम के जल विभाग की माने तो यह दिक्कत जल बहाव कम होने तक बना रहेगा। इधर अब तक मोगरा बैराज से 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है, जिसके कारण शिवनाथ नदी उफान में है।

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