BJP नेता और कांग्रेस पार्षदों के करीबियों को भुगतान:दुर्ग में सफाई कर्मचारी भेजे बिना हर महीने वेतन, अफसरों और पार्षदों की जांच टीम गठित

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छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में सफाई कर्मचारियों को भुगतान के नाम पर बीजेपी नेता और कांग्रेस पार्षदों के करीबियों को भुगतान किया जा रहा है। भिलाई नगर निगम के ठेकेदार ने कोई इसके खिलाफ आवाज न उठाए, इसके लिए पार्षदों के चहेतों के नाम पर हर महीने भुगतान करा दे रहा है। बिना पूरे सफाई कर्मचारी भेजे सभी का भुगतान धड़ल्ले से करा रहा है।

भिलाई के वार्ड तीन के पार्षद हरिओम तिवारी ने बताया कि भिलाई निगम की सामान्य सभा में सफाई में भ्रष्टाचार का मुद्दा पार्षदों ने काफी जोर शोर से उठाया। इस पर सभापति ने एक जांच दल बनाकर मामले की जांच करने के निर्देश दिए थे। हर महीने करीब 50 लेबर गायब रहते हैं। बावजूद इसके फुल पेमेंट हो रहा है।

अधिकारियों और पार्षदों को मिलाकर एक जांच दल गठित

उनके निर्देश पर निगम के अधिकारियों और पार्षदों को मिलाकर एक जांच दल बनाया गया है। यह जांच दल एक हफ्ते से मामले की जांच कर रहा है। शुक्रवार को जांच दल ने सफाई ठेका एजेंसी से दस्तावेज की मांग की।

भाजपा और कांग्रेस पार्षदों के करीबियों को भुगतान

उन दस्तावेजों को जब पार्षदों ने खंगाला तो कई चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। सफाई एजेंसी जितने भी सफाई कर्मचारियों को भुगतान करती है, उससे जुड़े दस्तावेजों को जब खंगाला गया तो उसमें कई नाम ऐसे पाए गए जो भाजपा और कांग्रेस पार्षदों के करीबी थे। एक नाम के आगे तो बकायदा दया सिंह बीजेपी नेता लिखा हुआ है।

जैसे ही यह सब जांच दल में शामिल पार्षदों ने देखा तो उन्होंने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि निगम की MIC में शामिल पार्षद के ड्राइवर, कुक और कार्यालय कर्मचारी के नाम पर भाजपा नेता और निगम के पार्षद के नाम पर भुगतान किया जा रहा है। इससे साफ है कि सफाई ठेका कंपनी सही कार्य नहीं कर रही है।

संदिग्ध नामों को चिन्हांकित करके की जाएगी भुगतान की जांच
संदिग्ध नामों को चिन्हांकित करके की जाएगी भुगतान की जांच

जिम्मेदारों ने कहा गलती मिलेगी तो होगी कार्रवाई

इस बारे में निगम के महापौर नीरज पाल से बात की गई तो उन्होंने इस बारे में कोई भी जानकारी होने से मना किया। उन्होंने कहा कि पहले तो ऐसा हो नहीं सकता है। जांच चल रही है। अगर जांच रिपोर्ट में यह बात आई तो जिम्मेदार अधिकारियों और एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई होना तय है।

वहीं जब निगम के सफाई मंत्री और पार्षद लक्ष्मीपति राजू से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है कि इस तरह बिना ड्यूटी किए किसी को भी भुगतान किया जा रहा है। अगर ऐसा है तो जांच में सामने आएगा और संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

भाजपा पार्षद ने कहा- कई लोगों के लिए की थी सिफारिश

भिलाई नगर निगम के भाजपा पार्षद और उप नेता प्रतिपक्ष दया सिंह से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि राज्य में उनकी सरकार बनने के बाद उन्होंने निगम कमिश्नर से कई लोगों के लिए सिफारिश की थी, कि वह उन्हें काम पर लगा दें।

उनमें से किसी की नौकरी लगी होगी तो उसके सामने उनका नाम लिख दिया गया होगा। उन्होंने कहा कि जब वो 2 करोड़ रुपए खर्च करके पं. प्रदीप मिश्रा की कथा का आयोजन करा सकते हैं तो कुछ हजार रुपए का भुगतान लेकर उनका क्या बन जाएगा।

4 जोन में 50-50 का गैंग

सफाई की जांच में यह भी पाया गया कि हर जोन में 50-50 कर्मचारियों का गैंग लगाया जाना था, लेकिन उस गैंग का कोई अता पता नहीं है। एजेंसी को हर दिन कुल 1800 से अधिक श्रमिक पूरे निगम क्षेत्र की सफाई के लिए देना है।

जब इसकी जांच की गई तो पाया गया कि 200 श्रमिक हर माह कम आए हैं। इसके बाद भी एजेंसी ने सभी का भुगतान लिया और निगम को करोड़ों रुपए का चूना लगाया है। इसके साथ ही जांच में यह भी पाया गया ठेका एजेंसी ने मजदूरों के ESI और PF में भी गड़बड़ी की है।

भिलाई नगर निगम
भिलाई नगर निगम

टीम में ये लोग हैं शामिल

सफाई मामले की जांच के लिए जो कमेटी गठित की गई है। उसमें निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा, भाजपा पार्षद महेश वर्मा, दया सिंह, संतोष मौर्या, विनोद सिंह, जालंधर सिंह, संजय सिंह, पीयूष मिश्रा, नोहर वर्मा, स्मिता दोड़के का नाम शामिल है।

इसके साथ ही​​​​​​ ​बी सुजाता सहित एमआईसी सदस्य लक्ष्मीपति राजू, अब्दुल मन्नान, लालचंद वर्मा, साकेत चंद्राकर, हरिओम तिवारी, संदीप निरंकारी, नेहा साहू, आदित्य सिंह, प्रमोद सिंह (सांसद प्रतिनिधि) का नाम शामिल है।

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