ICMR का दावा- कोरोना वैक्सीन से अचानक मौतें नहीं बढ़ीं; फैमिली हिस्ट्री, हॉस्पिटलाइजेशन, शराब-ड्रग्स और इंटेंस वर्कआउट जिम्मेदार…!

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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने एक स्टडी में दावा किया है कि कोविड-19 वैक्सीन लेने से देश के युवाओं में अचानक मौतों का रिस्क नहीं बढ़ा है।

स्टडी के मुताबिक, कोरोना के दौरान अस्पताल में भर्ती होने, अचानक मौतों की फैमिली हिस्ट्री और कुछ लाइफस्टाइल आदतों के चलते अचानक होने वाली मौतों में बढ़ोतरी हुई है।

इन लाइफस्टाइल आदतों में मौत से 48 घंटे पहले तक लगातार शराब पीना, ड्रग्स या किसी और नशीले पदार्थ का सेवन करना और मौत से 48 घंटे पहले अलग-अलग तरीके की इंटेंस फिजिकल एक्टिविटी करना शामिल है।

रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि वैक्सीन की कम से कम एक डोज लेने से लोगों में ऐसी अचानक मौतों का रिस्क कम हो सकता है।

डेढ साल में 47 अस्पतालों में की गई स्टडी
ये रिसर्च 1 अक्टूबर 2021 से 31 मार्च 2023 के बीच देशभर के 47 बड़े अस्पतालों में की गई। स्टडी में 729 केस और 2,916 कंट्रोल्स को शामिल किया गया था। इस स्टडी में 18 से 45 साल के उन लोगों पर फोकस किया गया जो स्वस्थ थे और जिन्हें कोई बड़ी बीमारी नहीं थी, इसके बावजूद अस्पष्ट कारणों से उनकी अचानक मौत हो गई।

स्टडी में सामने आया कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दो डोज ली थीं उनकी अचानक मौत की संभावना कम थी, जबकि एक डोज लेने वाले में अचानक मौत की संभावना थोड़ी ज्यादा थी।

भारत ने वैक्सीन कैंपेन चलाकर 34 लाख से ज्यादा जानें बचाईं- स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी
फरवरी में स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी ने एक रिपोर्ट जारी बताया था कि भारत कोरोना काल में बड़े स्तर पर नेशनल वैक्सीन कैंपेन चलाकर 34 लाख से ज्यादा जानें बचाने में कामयाब रहा। वैक्सीन कैंपेन के चलते अर्थव्यवस्था भी संभल पाई और बुरा प्रभाव कम हो गया, जिसके चलते 18.3 अरब डॉलर (15.17 लाख करोड़ रुपए) का नुकसान होने से बचाया गया।

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