एनजीटी के आदेश के बाद छत्तीसगढ़ के करीब 450 रेत घाटों को 14 जून से बंद कर दिया गया है। इसके बाद भी जिन्हें रेत डंप करने की प्रशासन से अनुमति मिली है, केवल वही रेत बेच सकते हैं। सख्त आदेश होने के बावजूद रेत घाटों में अवैध खुदाई जारी है। इससे राज्य के कई जिलों के खनिज विभाग के अफसर सड़क पर कार्रवाई के लिए उतर आए हैं।
राजधानी समेत राज्यभर में 22 जुलाई से लगातार बारिश हो रही है। शुरुआत में तेज बारिश होने की वजह से कुछ दिनों तक सप्लाई बंद रही। लेकिन मौसम जैसे ही थोड़ा खुला सप्लायरों ने रेत की कीमत बढ़ा दी। जुलाई के पहले हफ्ते में जब बारिश कम हो रही थी तब एक हाईवा (500 फीट) रेत की कीमत करीब 8 हजार रुपए थी।
लेकिन जैसे-जैसे बारिश तेज होती गई कीमत बढ़कर 15 हजार के पार हो गई है। दूरी के हिसाब से रेत की कीमत बढ़ती ही जा रही है। रेत सप्लायरों के अनुसार अभी बारिक रेत 26-30 रुपए फीट (500 फीट) यानी 13000 से 15000 और मीडियम रेत 22 से 25 रुपए फीट यानी 11000 से 12500 रुपए में मिल रही है।
रायपुर में अभी रेत की सप्लाई रायपुर, धमतरी, महासमुंद और गरियाबंद से की जा रही है। शहर से इनकी दूरी ज्यादा नहीं होने के बावजूद सप्लायर ज्यादा कीमत ले रहे हैं। अभी रेत की कीमत ज्यादा होने की वजह से कई जगहों पर कंस्ट्रक्शन का काम भी रुक गया है। खासतौर पर सरकारी निर्माण भी रुक गए हैं। ठेकेदारों का कहना है कि इतनी ज्यादा रेत में निर्माण नहीं कर सकते हैं, क्योंकि इससे काम की लागत बढ़ जाती है।
अवैध रेत खनन और बिना पिट पास के रेत लोड करने वालों पर कार्रवाई कर रहे हैं। जहां रेत डंप हुई है वहां भी जांच कराई जाएगी कि वे किस कीमत में रेत बेच रहे हैं। जो कीमत तय है उसी में ही रेत बेचनी होगी। नियम नहीं मानने वालों पर ही सख्ती की जा रही है।
-डॉ. गौरव कुमार सिंह, कलेक्टर रायपुर