रायपुर-दुर्ग के बीच लगाएगी दौड़, रूस-रायपुर नगर निगम में MoU; मेयर बोले- जल्द आएंगे टेक्नीशियन

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छत्तीसगढ़ में लाइट मेट्रो चलाने का रास्ता साफ हो गया है। यह मेट्रो रशियन टेक्नोलॉजी से रायपुर से दुर्ग-भिलाई के बीच दौड़ लगाएगी। इसके लिए मॉस्को में आयोजित इंटरनेशल ट्रांसपोर्ट मीट में रायपुर निगम और रूस के बीच MoU हुआ है। महापौर एजाज ढेबर और ​रशिया ट्रासपोर्ट मिनिस्टर ने इस पर साइन किया है।

रायपुर महापौर एजाज ढेबर ने बताया कि जल्द ही रूस के एक्सपर्ट रायपुर पहुंचेगे। ज्वाइंट वेंचर में यह काम किया जाएगा। मेयर ने बताया कि पहले टीम रायपुर आएगी और शहर का निरीक्षण करेगी। साथ ही इलेक्ट्रिक सिटी बसों के संचालन को लेकर सुझाव देगी।

स्काई-वॉक को भी देखेगी रशियन टीम

मेयर एजाज ढेबर ने बताया रायपुर के स्काई-वॉक को भी रशिया की टीम देखेगी। अगर उसमें लाइट मेट्रो चलाई जा सकती है, इस पर भी विचार किया जाएगा। मेयर ने बताया कि चार बिन्दुओं के लेकर मॉस्को के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर और मॉस्को के मेयर ने MoU में हस्ताक्षर किया है। यह रायपुर शहर के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।

राजनीति से उठकर सरकार को इसमें ध्यान देना चाहिए

मेयर ने कहा कि रायपुर शहर के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। सरकार को दलगत राजनीति से उठकर इसे ध्यान देना चाहिए। इस MoU के होने से शहर की लगभग ट्रैफिक की समस्या दूर हो जाएगी। रायपुर में बेहतर ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम तैयार होगा।

इन 4 पॉइंट पर हुआ MoU

  • रायपुर से भिलाई-दुर्ग तक लाइट मेट्रो।
  • इलेक्ट्रिक बसों का संचालन और मैनेजमेंट
  • ट्रैफिक मैनेजमेंट
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से पब्लिक ट्रासपोर्ट मैनेजर

3 सालों के बाद मिली सफलता

ढेबर ने बताया कि साल 2022 से हम रायपुर में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने और रायपुर में लाइट मेट्रो को लेकर रशिया से संपर्क कर रहे थे। 2023 में भी जब ट्रांसपोर्टेशन समिट हुआ था तब भी मैं रशिया आया था। दो-तीन दिन में मास्को के ट्रासपोर्ट मिनिस्टर और यहां के मेयर को मेल किया करते थे। तीन साल बाद आज हमें सफलता मिली है।

मॉस्को का पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम बेस्ट

एजाज ढेबर ने बताया कि दुनिया में सबसे आधुनिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम रशिया में है। यहां की तकनीक के इस्तेमाल से रायपुर की ट्रैफिक व्यवस्था और पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा बेहतर हो सकता है। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में मॉस्को की विशाल सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को दुनिया की सबसे कुशल प्रणाली माना गया है।

एक रिपोर्ट में मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग सहित 24 वैश्विक शहरों की सार्वजनिक और निजी परिवहन प्रणालियों का मूल्यांकन किया। रिपोर्ट के अनुसार, मॉस्को सार्वजनिक परिवहन दक्षता के मामले में सभी 24 शहरों में सबसे आगे है। यहां 2,000 से अधिक कैमरों और 3,700 से ज्यादा सेंसर के साथ पब्लिक ट्रांसपोर्ट को हैंडल किया जाता है। भाजपा सरकार के बाद पिछली कांग्रेस सरकार भी मेट्रो और फिर मोनो रेल चलाने की योजनाओं पर विचार कर चुकी है। अब तब बने प्रोजेक्ट्स को समझें तो रायपुर से दुर्ग तक 70 किमी के ट्रैफिक को कवर करने का प्लान है।

ऐसी होगी ट्रेन

रूस में जो ट्रेन चलती हैं वो बैटरी से संचालित होती है। इसमें 8 बोगियां होती हैं। यह ट्रेन एलिवेटेड रूट पर चलती है। यानी ऊपर से नीचे की ओर लटकी हुई होती हैं। सड़कों पर पिलर लगाकर उस पर हल्की पटरियां बिछाई जाती हैं। ट्रेन में एक बार में 1 हजार से अधिक लोग बैठ पाते हैं, ट्रेन में AC, वाईफाई की सुविधा होती है।

500 करोड़ तक आ सकता है खर्च
रायपुर में मेट्रो ट्रेन की तर्ज पर लाइट मेट्रो चलाने का प्रोजेक्ट का अनुमानित बजट लगभग 400-500 करोड़ रुपए का बताया जा रहा है। हालांकि तकनीक पक्ष समझने के बाद बजट की स्वीकृति सरकार से लेने की प्रक्रिया होेगी। निगम इसमें अपनी आय, विदेशी निवेश की संभावनाओं पर भी विचार कर रहा है।

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