ई-कॉमर्स कंपनियों को लेकर चिंता में क्यों हैं पीयूष गोयल? अब सामने आई सच्चाई

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भारत में रिटेल कॉमर्स का बिजनेस ऑनलाइन काफी तेजी से बढ़ रहा है. साथ में ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स भी अपनी रफ्तार में तरक्की की सीढ़ी चढ़ रहा है. इस बीच केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अमेजन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों को लेकर चिंता जताते हुए आरोप लगाया कि ऑनलाइन रिटेल सेलर्स ने देश के डायरेक्ट विदेशी निवेश (एफडीआई) कानूनों का पूरी तरह से पालन नहीं किया है. मंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं को यह सोचना चाहिए कि उनकी खरीद से किसे लाभ होता है और उन्होंने जो बहस शुरू की है उससे सबक लेना चाहिए.

पीयूष गोयल ने क्या कहा?

यहां चार्टर्ड अकाउंटेंट के एक कार्यक्रम को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में गोयल ने कहा कि भारतीय कानून में यह प्रावधान है कि विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए देश में केवल कंपनियों के बीच (बी2बी) लेन-देन की ही अनुमति है. गोयल ने कहा कि दुख की बात है कि कानून का पूरी तरह से अक्षरशः पालन नहीं किया गया है. इसके अनुरूप ढांचे बनाए गए हैं जो छोटे व्यापारियों और छोटे रिटेल सेलर्स के हितों के लिए हानिकारक हैं.

अमेजन पर भड़के गोयल

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अमेजन जैसी कंपनियों की गहरी जेबें उन्हें बाजार बिगाड़ने वाले मूल्य निर्धारण में लिप्त होने में मदद करती हैं और वे उपभोक्ता की पसंद और वरीयताओं को प्रभावित करने के लिए एल्गोरिदम का उपयोग भी करती हैं. मंत्री ने बुधवार को देश में छोटी दुकानों के अस्तित्व को लेकर चिंता जताते हुए बहस छेड़ दी थी. उन्होंने कहा था कि कीमतों में बहुत ज्यादा वृद्धि हो रही है और साथ ही उन्होंने सामाजिक व्यवधानों की भी चेतावनी दी थी, क्योंकि ज्यादा से ज्यादा लोग बेरोज़गार हो रहे हैं.

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