आधी रात निडर होकर निकल पाएंगी लड़कियां, नहीं होगा छेड़खानी का डर, 112 नंबर ने ली सुरक्षा की गारंटी

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रायपुर: कोलकाता में हुई घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया. देश के हर हिस्से से इस घटना के विरोध का स्वर सुनाई दिया. लोग हैरत में हैं कि लड़कियों के साथ इस तरह की वीभत्स हरकत करने के बारे में कोई सोच भी कैसे लेता है? ना लड़कियां सड़कों पर सुरक्षित हैं, ना ही अपने घरों में. अपने वर्कप्लेस पर भी अब महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. ऐसे में बेटियां जाएं तो जाएं कहां? इस बीच छत्तीसगढ़ के ग्यारह जिलों में लड़कियों की सुरक्षा को लेकर ख़ास पहल की गई है. अब यहां लड़कियों को अगर घर जाने में देर हो जाए या उन्हें असुरक्षित महसूस हो तो वो आराम से 112 पर कॉल कर सकती हैं. इस सुविधा के तहत लड़कियों को बिलकुल सुरक्षित उनके घर तक छोड़ दिया जाएगा. सुविधा शुरू होने के बाद से अभी ताल 1781 लड़कियों और महिलाओं ने इसका फायदा उठाया और अपने घरों तक आधी रात को सुरक्षित पहुंच चुकी हैं.

सड़कों पर रहेगी सुरक्षित
छत्तीसगढ़ के कई जगहों पर रात के 9 बजे के बाद पब्लिक ट्रांसपोर्ट कम हो जाते हैं. ऐसे में वर्किंग वीमेन जिनकी शिफ्ट नौ के बाद खत्म होती है, परेशान हो जाती थीं. घर जाने के लिए उन्हें वाहन नहीं मिलता. ऐसे में अगर कोई महिला कहीं फंस गई ही तो उसे सिर्फ 112 पर कॉल लगाना है. इसके बाद पुलिस मौके पर आ जाएगी और महिला को उसके घर तक छोड़ देगी. आधी रात सड़कों पर नशेड़ियों और अपराधियों का जमावड़ा लगता है. उनसे लड़कियों को सुरक्षित करने के लिए ये पहल की गई है.

दिन में भी मिलेगी मदद
छत्तीसगढ़ पुलिस ने बताया कि लड़कियां और महिलाएं ना सिर्फ रात में, बल्कि दिन में भी इस इमरजेंसी नंबर पर कॉल कर सकती हैं. अगर उन्हें कहीं से भी कुछ संदिग्ध लग रहा है. अपनी जान को लेकर कोई खतरा महसूस हो रहा है, तो बेझिझक 112 पर कॉल किया जा सकता है. अभी तक प्रदेश की कई महिलाएं इस सुविधा का फायदा उठा चुकी हैं. उन्हें सुरक्षित उनके घरों तक छोड़ा जा चुका है.

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