केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पूरे देश से नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन मार्च 2026 तय की है। उन्होंने कहा है कि सरेंडर पॉलिसी, हमले और विकास के दम पर इसे खत्म किया जाएगा। शाह का यह दावा इसलिए भी मजबूत माना जा रहा है क्योंकि नक्सलियों के गढ़ फोर्सेस लगातार अभियान चला रही है। लगातार नक्सलियों का एनकाउंटर हो रहा है। इससे नक्सलियों के पैर उखड़ रहे हैं। फोर्स नक्सलियों की मांद में घुसकर उनसे टक्कर ले रही है।
इसी का नतीजा है कि पिछले आठ महीने में राज्य सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में 46 नए कैंप स्थापित किए है। इस दौरान 546 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है जबकि नक्सल गतिविधियों में संलिप्त 559 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। इसी तरह 147 नक्सलियों को मार गिराने में सफलता भी मिली है। वहीं सिर्फ अगस्त महीने में ही 179 नक्सलियों को न्यूट्रलाइज किया गया है। शाह की डेडलाइन के मुताबिक राज्य सरकार के पास इस समस्या को जड़ से मिटाने के लिए सिर्फ 17 महीने का समय ही शेष है।
देश का 90 फीसदी नक्सल प्रभावित हिस्सा छत्तीसगढ़ का
वर्तमान में प्रदेश के 15 जिलों में नक्सली सक्रिय हैं। इनमें बीजापुर, दंतेवाडा, धमतरी, गरियाबंद, कांकेर, कोंडागांव, महासमुंद, नारायणपुर, राजनांदगांव, मोहल्ला मानपुर, आबगढ़ चौकी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, सुकमा, कबीरधाम और मुंगेली जिले शामिल हैं। शाह ने खुद स्वीकार किया है कि देश का 90 फीसदी हिस्सा छत्तीसगढ़ का है जो नक्सल प्रभावित है।

60 हजार से ज्यादा जवान तैनात
छत्तीसगढ़ के नक्सल इलाकों पर नजर डालें तो वहां पर लगभग 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं। इनमें सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी के अलावा सीएएफ के जवान शामिल हैं। इसके अलावा बस्तर बटालियन, पुलिस, डीआरजी के जवान भी क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं।
जल्द 16 नए कैंप भी खोले जाएंगे
पिछले आठ माह में सरकार ने नक्सल इलाकों में 33 सुरक्षा कैंप स्थापित किए हैं। इसके अलावा जल्द ही 16 और कैंप खोले जाने की तैयारी चल रही है। कैंप खोलने के साथ ही क्षेत्र के विकास की रणनीति भी तैयार की गई है।
नियद नेल्लानार योजना से जीत रहे लोगों का विश्वास
राज्य सरकार द्वारा नक्सल प्रभावित इलाकों में नियद नेल्लानार योजना चलाई जा रही है। इसे आपका अच्छा गांव भी कहा जाता है। इस योजना के तहत कैंप के पांच किलोमीटर के दायरे में बसे गांवों को विकास से जोड़ा जा रहा है। इसके तहत 17 विभागों की 53 जनकल्याणकारी तथा 28 सामुदायिक योजनाएं उपलब्ध कराई जा रही है।