देश के सबसे बड़े लेंडर भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा रिटायर हो गए हैं. उन्होंने अपनी रिटायरमेंट स्पीच में बैंक के नए चेयरमैन सीएस शेट्टी सामने नया टारगेट सामने रख दिया है. ये टारगेट करीब एक लाख करोड़ रुपए का है. भारत के सबसे बड़े लेंडर के रूप में उनके चार साल के शानदार कार्यकाल के दौरान, एसबीआई का मुनाफा कई गुना बढ़ गया और निवेशकों को ब्लूचिप पीएसयू स्टॉक पर 325 फीसदी का रिटर्न मिला. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर दिनेश खारा की ओर से दिए गए एक लासख करोड़ रुपए का क्या माजरा है.
एक लाख करोड़ के प्रॉफिट का टारगेट
वेटरन बैंकर दिनेश खारा, जो आज अपना 63वां जन्मदिन मना रहे हैं, ने 7 अक्टूबर, 2020 को कोविड संकट के बीच रजनीश कुमार से एसबीआई के अध्यक्ष का पद संभाला था. एसबीआई का एनुअल प्रॉफिट वित्त वर्ष 2021 में 20,410 करोड़ रुपए से 200 फीसदी बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 61,077 करोड़ रुपये हो गया है. अब उन्होंने नए चेयरमैन सीएस शेट्टी को मौजूदा वित्त वर्ष में इस प्रॉफिट को एक लाख करोड़ पर पहुंचाने का टारगेट दिया है. उन्हें बैंकिंग सेक्टर में “प्रॉफिट किंग” के नाम से भी जाना जाता है. पिछले चार वित्तीय वर्षों में एसबीआई की 1.63 लाख करोड़ रुपए की कमाई उससे पहले के 64 वर्षों में 1.45 लाख करोड़ रुपये के संचयी आंकड़े से अधिक रही है. उनके कार्यकाल के दौरान, एसबीआई का शुद्ध एनपीए वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में 1.59 फीसदी से गिरकर वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 0.57 फीसदी हो गया है.
कैसे रहे हैं खारा के दौर के आंकड़ें
वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में लेंडर की जमा राशि 41 फीसदी से अधिक बढ़कर 49,01,726 करोड़ रुपए हो गई, जबकि वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में यह 34,70,462 रुपए थी. लोन बुक 60 फीसदी की तेजी से बढ़कर 38,12,087 करोड़ रुपये हो गई। इस महीने की शुरुआत में, खारा ने बताया था कि उनके नेतृत्व में, एसबीआई ने प्रोडक्टिविटी के मोर्चे पर भी सुधार किया है, प्रति कर्मचारी लाभ लगभग छह गुना बढ़कर 30 लाख रुपए हो गया है. दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के पूर्व छात्र ने ईटी नाउ को पहले बताया था कि मेरी महत्वाकांक्षा यह देखने की थी कि बैंक 1 ट्रिलियन रुपये का प्रॉफिट आफ्ट टैक्स हासिल करे. मेरी राय में, हम सही रास्ते पर हैं और उम्मीद है कि हमें जल्द ही यह संख्या देखने को मिलेगी. जून तिमाही में, एसबीआई ने 17,035 करोड़ रुपए का पैट दर्ज किया – जो साल-दर-साल आधार पर 0.89 फीसदी अधिक है.
शेयरों में भी जबरदस्त इजाफा
कुछ इसी तरह की तेजी बैंक के शेयरों में भी देखने को मिली है. खारा के कार्यकाल के दौरान एसबीआई के शेयर 191.6 रुपये से 325 फीसदी बढ़कर 815 रुपये हो गए हैं. लेकिन खारा इतने से ही खुश नहीं है. एसबीआई प्रमुख ने हाल ही में संवाददाताओं से कहा था मैं खुश नहीं हूं. मैं कैसे खुश हो सकता हूं? हमें अपना सही मूल्य नहीं मिल रहा है, बाजार में दूसरे प्लेयर्स शेयर प्राइस के मामले में हमसे बेहतर स्थिति में है. एसबीआई मौजूदा समय में मार्केट कैप के मामले में भारत की सातवीं सबसे बड़ी लिस्टिड कंपनी है और बैंक का वैल्यूएशन लगभग 7.3 लाख करोड़ रुपये है. पीएसयू लेंडर रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के बाद वित्त वर्ष 2024 में भारत की दूसरी सबसे बड़ी लाभ कमाने वाली कंपनी थी. बैंकिंग सेक्टर में पीएसयू टॉप शेयरों में से एक होने के कारण दलाल स्ट्रीट का एसबीआई पर उत्साह बना हुआ है. मौजूदा कैलेंडर वर्ष में ही एसबीआई ने 27% रिटर्न के साथ बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन किया है.