हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद और एक्ट्रेस कंगना रनोट गुरुवार (29 अगस्त) को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करने पहुंचीं। दिल्ली में नड्डा के आवास पर करीब आधे घंटे रहने के बाद कंगना वहां से निकल गईं। किसान आंदोलन पर बयान के बाद भाजपा के किसी बड़े नेता से कंगना की यह पहली मुलाकात थी। कंगना ने भास्कर को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि किसान आंदोलन के दौरान प्रोटेस्ट के नाम पर रेप और मर्डर हुए। अगर सरकार मजबूत ना होती तो पंजाब बांग्लादेश हो जाता। इस बयान का विरोध होने पर भाजपा ने कहा कि यह कंगना की अपनी राय है, पार्टी की नहीं। भाजपा ने 26 अगस्त को एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा- पार्टी कंगना के बयान से असहमत है। कंगना को पार्टी के नीतिगत मुद्दों पर बोलने की इजाजत नहीं हैं। पार्टी ने उन्हें आगे ऐसे बयान ना देने की हिदायत भी दी थी।
कंगना बोलीं- उपद्रवी किसान आंदोलन के नाम पर हिंसा फैला रहे थे
दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कंगना ने कहा कि अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता। पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। किसान बिल को वापस ले लिया गया वरना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे।
राहुल बोले- कंगना का बयान किसान विरोधी नीति का सबूत
कंगना के बयान पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार (26 अगस्त) को कहा- भाजपा सांसद का किसानों को बलात्कारी और विदेशी ताकतों का नुमाइंदा कहना उनकी किसान विरोधी नीति और नीयत का सबूत है। अन्नदाताओं के मान-सम्मान पर हमला करने से किसानों से किया गया मोदी सरकार का धोखा छिप नहीं सकता।
प्रियंका चतुर्वेदी का सवाल- रिलीज भाजपा के लेटरहेड पर क्यों नहीं
भाजपा की प्रेस रिलीज पर शिवसेना (उद्धव गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सवाल उठाए। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि न तो यह भाजपा के लेटरहेड पर है, न इस पर किसी के दस्तखत है। यह भाजपा के सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी नहीं है। उन्होंने भाजपा को टैग करके लिखा कि इसके पीछे कोई वजह है या यह भी एक जुमला है।