रायपुर के कलेक्टर गौरव सिंह ने स्टूडेंट के बीच पहुंचकर उन्हें अपनी जिंदगी का एक दिलचस्प किस्सा सुनाया। कलेक्टर ने बताया कि स्कूल के समय वह हमेशा सेकेंड पोजिशन पर आते थे। उनकी क्लास का कोई ना कोई बच्चा टॉप करता था। कोई दूसरा थर्ड पोजिशन पर भी होता था, लेकिन गौरव सिंह हमेशा दूसरी पोजिशन पर ही रहते थे।
कलेक्टर में आगे बताया कि मेरे स्कूल के प्रिंसिपल मेरे पिताजी ही थे। स्कूल में परंपरा थी कि वह टॉपर का माला पहनाकर स्वागत करते थे। मुझे कभी उनसे माला पहनने का अवसर नहीं मिला। घर आने के बाद वह नाराज भी होते थे। मैं मजाक में कह दिया करता था कि आपको मुझे माला पहनानी ना पड़ जाए इसलिए मैं टॉप नहीं करता, लेकिन असलियत यह थी कि मैं टॉप कर ही नहीं पाता था।
टॉप करना सफलता का पैमाना नहीं
IAS गौरव सिंह ने स्टूडेंट्स से कहा कि टॉप करना सफलता का पैमाना नहीं है। मैंने तैयारी की और IAS बना, तब पिताजी ने भी माला पहनाई, गले से लगाया और शाबाशी भी दी। इसलिए हमें हमेशा बेहतर करने पर फोकस करना है। हर बच्चे में टैलेंट है, इसलिए पेरेंट्स को भी बच्चों पर टॉप करने या नंबर्स को लेकर दबाव नहीं बनाना चाहिए।
सरकारी स्कूल के बच्चों को किया मोटिवेट
दरअसल, कलेक्टर डाॅ. गौरव सिंह आमापारा स्थित पीएम श्री पंडित आर. डी. तिवारी अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय में उड़ान कार्यक्रम के तहत पहुंचे थे। कलेक्टर डाॅ. गौरव सिंह ने विद्यार्थियों को सफलता का मूल मंत्र बताते हुए कहा कि विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ लक्ष्य निर्धारत कर कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
उन्होंने बच्चों से कहा कि हर विद्यार्थियों को अपने लिए पढ़ाई करनी चाहिए। इससे माता-पिता की पहचान बनने के साथ गांव, परिवार का नाम रोशन होता है।
पढ़ाई को खेल की तरह मन लगाकर करें
डाॅ. सिंह ने कहा कि कोई भी चीज को पाने के लिए लक्ष्य निर्धारित करने के साथ दृढ़संकल्पित होना जरूरी है। साथ ही जज्बा और कड़ी मेहनत से निश्चित ही सकारात्मक परिणाम आता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में सीखने, समझने की जिज्ञासा होनी चाहिए। पढ़ाई को बोझ समझने से बेहतर है कि खेल की तरह मन लगाकर करें।
कलेक्टर गौरव सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को कड़ी मेहनत कर कुछ बड़ा कर गुजरने की चाहत होनी चाहिए। जीवन में कठिनाई के दौर भी आते हैं, लेकिन मेहनत ही सफलता दिलाती है। वही समय ही खुशियों का पल होता है।
UPSC सिलेक्शन के लिए अखबार पढ़ें
कलेक्टर डाॅ. सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यूपीएससी में चयनित अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में सबसे सरल सवाल पूछे जाते हैं। सर्वप्रथम अभ्यर्थियों से बेसिक जानकारी ली जाती है और अभ्यर्थियों के व्यक्तित्व के बारे में सवाल किए जाते हैं। इंटरव्यू के दौरान अनेकों सवाल होते हैं। हर विद्यार्थियों को अखबार पढ़ने की आदत डालनी चाहिए। इससे देश-विदेश की जानकारी मिलती है।
साथ ही उन्होंने कहा कि नीट और जेईई की तैयारी के लिए ऑनलाइन कोचिंग की सुविधा प्रारंभ की गई है। इसका लाभ अधिक से अधिक बच्चे उठा सकते हैं और अपना भविष्य बेहतर बना सकते हैं। साथ ही कलेक्टर ने विद्यार्थियों के सवालों के जवाब भी दिए।
क्लास 6 से 12वीं का करें स्पेशल फोकस
नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा ने बच्चों को अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कक्षा 6वीं से 12वीं तक हर बच्चों को कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है, क्योंकि इसी दौरान विद्यार्थियों को इतिहास की बेहतर जानकारी मिलती है। यही आगे की पढ़ाई में बहुत ही कारगर साबित होती है।
जिला पंचायत सीईओ विश्वदीप ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को यूपीएससी की तैयारी करने से पहले सिलेबस की जानकारी रखें। जब भी पढ़ें शिद्दत के साथ पढ़ाई करें और अनुभवी लोगों से जानकारी लें। कार्यक्रम में सहायक कलेक्टर अनुपमा आनंद, जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेलवाल, समग्र शिक्षा जिला समन्वयक के.एस. पटले मौजूद रहे।