छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर में संचालित एक बड़े इंग्लिश मीडियम स्कूल में 5 साल की बच्ची से लैंगिक छेड़छाड़ मामले में पुलिस ने 2 महीने बाद पॉक्सो एक्ट के तहत FIR दर्ज किया है। वहीं परिजनों का कहना है कि हमारी बच्ची के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ है। FIR करने पर नाराजगी जताई है। दुर्ग पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला ने टीसी के लिए दिए आवेदन के आधार पर मामला दर्ज होने की पुष्टि की है। पुलिस का कहना है कि बच्ची के परिजन स्कूल में टीसी के लिए आवेदन किए थे, जिसमें एव्यूज शब्द का प्रयोग किया था। स्कूल के प्रिंसिपल उन्हें टीसी नहीं दे रहे थे। जब यह खबर मीडिया में आई तो पुलिस ने मामले की जांच की।
आवेदन में लैंगिक एव्यूज की बात लिखी
पुलिस ने बताया कि टीसी के लिए स्कूल को दिए आवेदन को पढ़कर यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि परिजनों ने बच्ची से लैंगिक एव्यूज की बात लिखी है या अन्य व्यवहार होने की, ये स्पष्ट नहीं है। पुलिस ने इसी को आधार मानकर अपराध दर्ज किया है।
बच्ची से गलत व्यवहार होने से परिजनों का इनकार
पुलिस ने बताया कि FIR के बाद परिजनों को महिला थाने बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था। परिजनों ने अपने बयान में बच्ची के साथ किसी भी प्रकार के गलत व्यवहार को लेकर साफ मना किया है।
बयान में परिजनों ने घटना ना होने की कही बात
वहीं मामले में FIR दर्ज करने के बाद परिजनों ने इस पर नाराजगी जताई थी। पुलिस ने उनके पत्र में लिखे शब्द का हवाला देते हुए मामला दर्ज करने की बात कही। इसके बाद परिजनों को महिला थाने बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था। परिजनों ने अपने बयान में बच्ची के साथ किसी भी प्रकार के गलत व्यवहार को लेकर साफ मना किया है।
मेडिकल रिपोर्ट में लैंगिक छेड़छाड़ की पुष्टि नहीं
बताया जा रहा है कि मामला 2 महीने पहले बच्ची की तबीयत बिगड़ी थी। परिजनों ने एक निजी अस्पताल के डॉक्टर से जांच कराई थी। डॉक्टरी जांच में लैंगिक छेड़छाड़ की पुष्टि नहीं हुई है। रिपोर्ट में यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन) की पुष्टि हुई थी। डॉक्टर का कहना है कि छोटी बच्चियों में इस तरह के इन्फेक्शन कई बार होते हैं।