कोरोना संक्रमण के दौरान रेलवे ने कई छोटे स्टेशनों पर ट्रेनों का ठहराव खत्म कर दिया है। कोरोना का संक्रमण तीन साल पहले खत्म हो गया है लेकिन अभी तक इन स्टेशनों पर ट्रेनें नहीं रुक रही हैं। इस कारण यात्रियों को 10 से 15 किमी दूर स्टेशन पर जाकर ट्रेन पकड़नी पड़ रही है। सांसदों ने ऐसे छोटे स्टेशनों पर ट्रेनों का ठहराव और महासमुंद और डोंगरगढ़ स्टेशन को रायपुर मंडल में शामिल करने की मांग की है। बुधवार को रायपुर में इन मुद्दों पर छत्तीसगढ़ के सांसदों की रेल मंडलीय बैठक हुई। उसी में इन मुद्दों पर चर्चा हुई। इन मांगों को अब रेलवे बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा।
बैठक में महासमुंद के अलावा राजनांदगांव और डोंगरगढ़ स्टेशनों के मुद्दे को प्रमुखता से रखा गया। क्योंकि विशाखापट्टनम रेलवे जोन में और राजनांदगांव और डोंगरगढ़ नागपुर जोन में आते हैं। इन स्टेशनों के दूसरे मंडल में होने की वजह से यात्री सुविधाओं के लिए छत्तीसगढ़ से बाहर जाकर मांग रखनी पड़ती है। इसके साथ छत्तीसगढ़ आने वाली ट्रेनों को रद्द करने और समय पर न चलने का भी मुद्दा बैठक में उठा। बैठक में रेलवे की महाप्रबंधक नीनु इटियेरा, विजय बघेल, सांसद दुर्ग, बृजमोहन अग्रवाल, सांसद रायपुर, भोजराज नाग सांसद कांकेर, महेश कश्यप, सांसद बस्तर मौजूद थे।
ट्रेन की सफाई व्यवस्था सुधारने की मांग सांसद रंजीता रंजन के प्रतिनिधि ने छत्तीसगढ़ के सभी स्टेशनों पर प्रदेश के स्थानीय पारंपरिक व्यंजन का मुद्दा उठाया। इसके लिए स्टॉल शुरू करने का सुझाव दिया। यात्रियों की सुरक्षा, स्टेशन और ट्रेन की सफाई की व्यवस्था को बेहतर करने को कहा। उन्होंने यह भी पूछा है कि, रेलवे ट्रैक के विस्तारी-करण की टाइम लिमिट क्या है, इसे समय पर पूरा किया जाए ताकि पैसेंजर ट्रेन चलें।