सीएम विष्णुदेव साय ने कलेक्टरों के बाद शुक्रवार को आईजी-एसपी कांफ्रेंस में भी कड़े तेवर दिखाए। उन्होंने पुलिस अफसरों से दो टूक कहा कि धार्मिक तथा हत्या के मामलों में सुस्ती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसे मामलों में तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अवैध शराब, जुआ-सट्टा, नशाखोरी पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएं।
शिकायतें मिलने पर एसपी जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस के हाथ लोहे की तरह और दिल मोम जैसा होना चाहिए। सीएम ने प्रदेश के कानून व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि शासन के लिए कलेक्टर-एसपी आंख, कान और हाथ हैं। कानून व्यवस्था दुरुस्त करने में दोनों की अहम भूमिका होती है।
उन्होंने अपराध का ईको सिस्टम तोड़ने, रात्रि गश्त करने तथा संगठित अपराध को नष्ट करने के लिए लगातार कार्रवाई करने की नसीहत दी। सीएम ने कहा कि समाज में अशांति फैलाने वालों, अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखें और उनके खिलाफ त्वरित कार्यवाई करें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दंड संहिता को बदलकर न्याय संहिता कर दिया है। इसका जमीनी क्रियान्वयन करने के लिए खुद को ढालना होगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सुशासन देने के लिए प्रतिबद्ध है, और पिछले वर्षों की तुलना में अपराध की संख्या में कमी आई है।
जनदर्शन माह में एक बार
- सरेंडर कर चुके नक्सलियों के पुनर्वास की व्यापक नीति जल्द।
- स्थानीय समस्याओं का निराकरण जिला स्तर पर ही किया जाए।
- रायपुर में मुख्यमंत्री जनदर्शन अब माह में केवल एक बार होगा।
- महिलाओं से अपराध में सजा दिलाने को त्वरित कार्रवाई करें।
गौ-तस्करी, नशाखोरी बड़ी समस्या मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में गौ-तस्करी व नशाखोरी को कड़ाई से नियंत्रण करते हुए ऐसे मामलों में एंड टू एंड कार्रवाई सुनिश्चित करें। जिला बदर कार्रवाई रुकनी नहीं चाहिए। प्रतिबंधात्मक मामलों में देरी न हो और जिला बदर की कार्रवाई कागजों के बजाय वास्तव में हो।
मानव तस्करी: सीमा पर निगरानी करें जशपुर में मानव तस्करी रोकने में पुलिस ने अच्छा काम किया। जशपुर में ओडिशा से लगी सीमा पर 24 घंटे निगरानी करें। नशीले पदार्थों की तस्करी रोकें।
अवैध शराब: संरक्षण के आरोप न लगें अवैध शराब बिक्री में पुलिस पर संरक्षण के आरोप लगते हैं, यह नहीं होना चाहिए। अवैध शराब बिक्री बंद हो। कई जगहों में इसे लेकर लोगों में आक्रोश है। शिकायतें मिलती है कि ऐसे मामलों की ठीक से जांच नहीं होती। ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
सोशल पुलिसिंग: इसे बढ़ावा दें नए सिरे से सोशल पुलिसिंग को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है, इससे अपराध रोकने में मदद मिलेगी। लोगों को जागरूक करें, उन्हें भरोसा दिलाएं कि पुलिस साथ है।