डीएवी स्कूल की छत का प्लास्टर गिरा, दो बच्चे घायल : दुर्ग में चौथी कक्षा में हुआ हादसा, शिक्षा विभाग की टीम ने शुरू की जांच…!!

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भिलाई टाउनशिप के सेक्टर-2 स्थित डीएवी इस्पात पब्लिक स्कूल में शनिवार सुबह बड़ा हादसा टल गया। यहां चौथी क्लास के बच्चों के बीच छत का प्लास्टर गिर गया। इससे नीचे बेंच पर बैठे दो बच्चे घायल हो गए।स्कूल की प्राचार्य प्रियंका शुक्ला ने स्टाफ और घायल दोनों बच्चों समर और राघव को तुरंत सेक्टर 6 स्थित अस्पताल भेजा। वहां उनका इलाज किया गया। सूचना मिलने पर अभिभावक भी वहां पहुंच गए।

जांच करने पहुंची टीम

भट्ठी पुलिस मौके पर पहुंची, तो स्टाफ ने क्लास रूम का सभी मलबा साफ करवा दिया था। क्लास रूम को भी बंद करा दिया था। भट्ठी पुलिस बिना जांच किए लौट गई, लेकिन थोड़ी ही देर में निगम के पीआरओ अजय शुक्ला और शिक्षा विभाग से अकाउंट ऑफिसर राजेश ओझा भी जांच के लिए पहुंचे।

भिलाई निगम और शिक्षा विभाग की टीम ने डीएवी स्कूल में क्लास रूम की बिल्डिंग का भौतिक निरीक्षण किया। राजेश ओझा ने बताया कि, डीईओ के निर्देश पर वो यहां जांच करने पहुंचे हैं। पूरे स्कूल का भौतिक निरीक्षण किया गया है। जिस क्लास में दुर्घटना हुई है वहां का भी अवलोकन किया गया। वो इस पूरी घटना के बारे में स्कूल प्रबंधन से जानकारी लेंगे।

बच्चों के सिर पर गिर सकता है प्लास्टर

जब टीम क्लास रूम पहुंची, तो देखा कि छत के बड़े हिस्सा का प्लास्टर टूटकर गिरा है। वो इतना बड़ा है कि, उसके गिरने से नीचे रखी बेंच के लोहे की पट्टी तक डैमेज हो गई है। अगर वो प्लास्टर बच्चों के हाथ में ना गिरकर सिर पर गिरता तो बड़ी अनहोनी हो सकती है।

बच्चों के हाथ में आई चोटें

प्लास्टर गिरने से नीचे बैठे दो बच्चों को चोटें आई हैं। इसमें एक बच्चे के हाथ में और कंधे के पास काफी चोट आई है। परिजन जब शिकायत लेकर प्रिंसिपल से मिलने गए तो उन्हें उनसे मिलने नहीं दिया गया। प्रिसिंपल ने सभी को बाहर ही रोक दिया।

खेल के दौरान बच्ची का कॉलर बोन फैक्चर, नहीं कराया इलाज

एक परिजन ने जांच टीम से शिकायत की है कि, एक हफ्ते पहले उसकी बेटी की कॉलर बोन स्कूल के खेल आयोजन के दौरान टूट गई थी। स्कूल प्रबंधन ने उन्हें इसकी जानकारी कई घंटे बाद दी। इतना ही नहीं उस बच्ची के इलाज में काफी खर्च आया, लेकिन स्कूल प्रबंधन से इलाज को लेकर कोई आर्थिक मदद नहीं की गई है। जांच अधिकारी ने कहा कि वो इस मामले की भी जानकारी स्कूल प्रबंधन से लेंगे।

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