12वीं के बाद अब कक्षा 10वीं में 59 शिक्षकों को छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने ब्लैकलिस्ट कर दिया है। आंसर शीट चेक करने में लापरवाही बरतने की वजह से इन शिक्षकों को ब्लैक लिस्टेड किया गया है, इसका असर इन शिक्षकों की सालाना वेतन वृद्धि पर भी पड़ेगा। हिन्दी के 5 शिक्षकों ने जो कॉपियां जांची हैं उन उत्तरपुस्तिकाओं में तो 50 से ज्यादा नंबरों की बढ़ोत्तरी हुई है। लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों को 3 से 5 साल के लिए माशिमं के समस्त पारिश्रमिक कार्यों के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।
50 से ज्यादा नंबरों की बढ़ोत्तरी
पुनर्गणना और पुनर्मूल्यांकन के लिए जिन छात्रों ने आवेदन किया था, जब पुनर्मूल्यांकन कराया गया तो हिन्दी विषय के 5 शिक्षकों की कॉपियों में 50 से ज्यादा अंकों की बढ़ोत्तरी हुई। वहीं 6 शिक्षकों द्वारा जांची गई उत्तरपुस्तिकाओं में 49 अंक तक की वृद्धि हुई है।
11 शिक्षकों को 5 साल के लिए बैन
वहीं पुनर्मूल्यांकन कराने के बाद 20 से 40 अंक की बढ़ोत्तरी होने पर 48 शिक्षकों को 3 साल के लिए माशिमं के सभी तरह के पारिश्रमिक कामों से उन्हें वंचित करने के साथ साथ एक वार्षिक वेतनवृद्धि रोकने की अनुशंसा की गई है।
मूल्यांकन में लापरवाही बरतने पर 11 शिक्षकों को 5 साल के लिए मंडल के समस्त पारिश्रमिक कार्यों से ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है।
इससे पहले 12 वीं के शिक्षकों को किया था ब्लैक लिस्ट
लगभग तीन दिन पहले ही छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने आंसर शीट चेक करने में लापरवाही बरतने वाले 68 शिक्षकों को ब्लैक लिस्टेड किया था। इसका असर इन शिक्षकों की सालाना वेतन वृद्धि पर भी पड़ेगा। 68 शिक्षकों में से 61 शिक्षकों को 3 साल और 7 शिक्षकों को 5 साल के लिए मंडल के काम से बाहर किया गया है।
प्रदेशभर में 10 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स ने पुनर्गणना और पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया था। पुनर्गणना (recalculation) में छात्रों के आंसर में बहुत फर्क मिला है। छात्रों के अंकों में 20 से लेकर 50 अंक तक की बढ़ोतरी हुई। दोबारा मूल्यांकन में 4 हजार 284 बच्चों के रिजल्ट बदल गए हैं।