एक नई स्टडी से पता चला है कि ज्यादा मोबाइल फोन और टीवी देखने की वजह से बच्चों की आंखें कमजोर हो रही हैं। ब्रिटिश जर्नल ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन में से एक से अधिक बच्चे और किशोर पहले से ही मायोपिया या निकट दृष्टिदोष से पीड़ित हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि 2030 तक 60 करोड़ और 2050 तक 74 करोड़ बच्चे और किशोर मायोपिया से पीड़ित होंगे हैं। मायोपिया निकट दृष्टि दोष को कहते हैं। इसका अर्थ है कि पास की वस्तुओं को तो स्पष्ट रूप से देख सकते हैं, लेकिन दूर की वस्तुओं को देखने में कठिनाई होती है। जैसे ट्रैफिक सिग्नल को तब तक नहीं देख पाएंगे, जब तक कि वे कुछ फीट की दूरी पर न हों। स्टडी से पता चला है कि जो बच्चे लंबे समय तक कंप्यूटर या स्मार्ट उपकरणों का उपयोग करते हैं, उन्हें मायोपिया का अधिक खतरा होता है।
30 साल से बढ़ रहे हैं मायोपिया के मरीज
वैश्विक विश्लेषण से पता चलता है कि पिछले 30 वर्षों में मायोपिया से पीड़ित बढ़े हैं। चीन के शोधकर्ताओं के अनुसार, मायोपिया आमतौर पर बचपन में शुरू होता है और उम्र के साथ खराब होता जाता है। कुल 276 स्टडी के विश्लेष से पता चला कि 1990-2000 के दौरान मायोपिया के मामले 24% से बढ़कर 2001-10 में 25% हो गए। इसके बाद 2011-19 में 30% और 2020-23 में 36% की तीव्र वृद्धि हुई। स्टडी में 50 देशों के 50 लाख बच्चे और किशोरों का डेटा शामिल किया गया।