‘3 सितंबर, 2024 की रात मुक्तिरंजन महालक्ष्मी के घर गया। दोनों में झगड़ा हुआ और गुस्से में मुक्तिरंजन ने महालक्ष्मी को गला घोंट के मार दिया। मुक्तिरंजन घबराया जरूर, लेकिन भागा नहीं। रात भर यूट्यूब पर लाश को ठिकाने लगाने और काटने के वीडियो देखता रहा।’ ‘सुबह हुई तो करीब 11 बजे पास की दुकान पर गया और एक बड़ा चाकू खरीदकर लाया। इसी से महालक्ष्मी की बॉडी के 59 टुकड़े किए। इन टुकड़ों को फ्रिज में भरा। इसी फ्रिज के पास से चाकू का रैपर पुलिस को मिला। इसी से मालूम चला कि मुक्तिरंजन ने चाकू किस दुकान से खरीदा है।’
बेंगलुरु के महालक्ष्मी मर्डर केस की जांच टीम में शामिल एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने ये बात मीडिया को बताई है। महालक्ष्मी के मर्डर का आरोप उसके साथ काम करने वाले मुक्तिरंजन पर है। व्यालिकावल एरिया में रहने वाली महालक्ष्मी की डेडबॉडी के टुकड़े 20 सितंबर को उसी के घर के फ्रिज से मिले थे।
25 सितंबर की दोपहर 30 साल के मुक्तिरंजन ने ओडिशा के फंडी गांव में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। मुक्तिरंजन के सुसाइड करने से ये मामला उलझ गया है। अब बेंगलुरु पुलिस पता लगा रही है कि 3-4 सितंबर की रात महालक्ष्मी की हत्या के बाद मुक्तिरंजन क्या कर रहा था।
पुलिस ने महालक्ष्मी के पड़ोसियों और ओडिशा में मुक्तिरंजन के परिवार से पूछताछ की है। मुक्तिरंजन के भाई सत्यरंजन ने महालक्ष्मी पर ब्लैकमैलिंग का आरोप लगाया है। सोर्स के मुताबिक, पुलिस सत्यरंजन को ओडिशा से बेंगलुरु ला सकती है।
मर्डर के बाद महालक्ष्मी के घर में 10 घंटे रहा मुक्तिरंजन पुलिस सोर्स के मुताबिक, महालक्ष्मी और मुक्तिरंजन के बीच शादी के अलावा रुपयों के लेन-देन को लेकर झगड़ा हुआ था। दोनों करीब 6 महीने से रिश्ते में थे। महालक्ष्मी मुक्तिरंजन से शादी करना चाहती थी, लेकिन वो इसके लिए तैयार नहीं था। इसी बात पर झगड़ा हो गया। बात इतनी बढ़ गई कि दोनों के बीच मारपीट होने लगी। गुस्से में मुक्तिरंजन ने महालक्ष्मी की गला दबा कर हत्या कर दी।
मुक्तिरंजन ने सुसाइड नोट में भी यही बात लिखी है। उसने लिखा… ‘मैं महालक्ष्मी को पसंद करता था। उससे बहुत प्यार करता था, लेकिन वो आए दिन मुझसे झगड़ा करती थी। मैंने उस पर काफी पैसा खर्च किया। उसका बर्ताव मेरे लिए ठीक नहीं था। वो मुझे किडनैपिंग केस में फंसाने की धमकी दे रही थी।’
पुलिस का अनुमान है कि महालक्ष्मी के मरने से मुक्तिरंजन डर गया। उसने डेडबॉडी को ठिकाने लगाने की कोशिश की। कुछ समझ नहीं आया तो लाश के टुकड़े करने का प्लान बनाया। फिर खून के धब्बे साफ किए। पुलिस अभी फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। इससे पता चलेगा कि क्या मुक्तिरंजन ने खून साफ करने के लिए कोई केमिकल इस्तेमाल किया था।
फ्रिज के पास मिली ट्रॉली, इसी में भरकर डेडबॉडी फेंकना चाहता था 29 साल की महालक्ष्मी बेंगलुरु के व्यालिकावल इलाके में बसप्पा गार्डन के पास बने तीन मंजिला मकान में किराए पर रहती थी। उसका कमरा टॉप फ्लोर पर था। 20 सितंबर, शुक्रवार को तेज बदबू आने पर पास में रहने वाले जीवन प्रकाश ने खोजबीन शुरू की। पता चला कि बदबू महालक्ष्मी के घर से आ रही है।
जीवन ने फोन करके महालक्ष्मी के भाई और मां को बुलाया। फैमिली के आने के बाद कमरे का ताला तोड़ा गया। अंदर कमरे में खून बिखरा था। घर का सारा सामान बिखरा था। महालक्ष्मी की मां ने फ्रिज खोला तो अंदर महालक्ष्मी का कटा सिर, पैर और डेडबॉडी के टुकड़े रखे थे।
महालक्ष्मी के भाई उक्कम सिंह ने पुलिस को फोन किया। पुलिस ने कमरे की जांच की। यहीं फ्रिज के पास काले रंग की ट्रॉली मिली। पुलिस को शक है कि मुक्तिरंजन इस ट्रॉली में महालक्ष्मी की डेडबॉडी भरकर फेंकने की फिराक में था। फिर उसे लगा होगा कि ऐसा करते हुए लोग देख लेंगे, इसलिए उसने इरादा बदल दिया और भाग गया।
जांच में ये भी पता चला है कि महालक्ष्मी की हत्या के बाद पूरी रात मुक्तिरंजन ने लाश को डिस्पोज करने के वीडियो देखे थे। इसी से उसे महालक्ष्मी की लाश के टुकड़े करने का ख्याल आया।
चाकू बेचने वाला दुकानदार बोला- पहला कस्टमर मुक्तिरंजन ही था केस की इन्वेस्टिगेशन अभी चल रही है, इसलिए पुलिस सीधे तौर पर मीडिया से बात नहीं कर रही है। बेंगलुरु के एक सीनियर पुलिस ऑफिसर और जांच अधिकारी से हमने ऑफ रिकॉर्ड बात की।
पुलिस अधिकारी बताते हैं…
शुरुआती जांच और महालक्ष्मी के घर के पास लगे CCTV कैमरे की फुटेज से काफी चीजें क्लियर हुई हैं। इससे पता चला है कि मुक्तिरंजन पास की एक दुकान तक गया और वहां से चाकू खरीदा।
अधिकारी के मुताबिक, जांच कर रही टीम उस दुकान तक पहुंची। दुकानदार ने माना है कि चाकू उसी की दुकान से खरीदा गया था। मुक्तिरंजन के बारे में पूछने पर दुकानदार ने बताया कि शॉप खुलने के कुछ देर बाद सुबह करीब 11 बजे एक लड़का चाकू खरीदने आया था। दिन का पहला कस्टमर वही था।
एक फोन कॉल से मुक्तिरंजन तक पहुंची पुलिस पुलिस के मुताबिक, महालक्ष्मी की बॉडी रिकवर करने के बाद जांच टीम एक-एक करके उसके करीबियों और संदिग्धों के पास पहुंची। इनमें महालक्ष्मी के साथ काम करने वाले लोग, उसका मैनेजर और दोस्त शामिल थे। पता चला कि उसके साथ काम करने वाला मुक्तिरंजन लापता है।
पुलिस अधिकारी बताते हैं, ‘महालक्ष्मी जहां काम करती थी, हमने वहां के स्टाफ से बात की। उन्होंने बताया कि 1 सितंबर के बाद से मुक्तिरंजन काम पर नहीं आ रहा है। इससे हमारा शक उसकी तरफ गया।’
‘पुलिस ने स्टाफ से मुक्तिरंजन का फोन नंबर लिया, उसका कॉल रिकॉर्ड देखा। इससे पता चला कि 3 सितंबर की रात मुक्तिरंजन ने बेंगलुरु में ही किसी को फोन किया था। हमने उस नंबर को ट्रैक किया। ये नंबर मुक्तिरंजन के भाई स्मृतिरंजन का निकला।’
‘भाई के बारे में खोजबीन की गई, तो पता चला कि वो बेंगलुरु की इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी के पास किराए पर रहता है। जेपी नगर में काम करता है। हमने मुक्तिरंजन के भाई को उठा लिया। उसने बताया कि मुक्तिरंजन ने मर्डर के बाद फोन किया था। वो बोला कि मैं बेंगलुरु से जा रहा हूं। मुक्तिरंजन तो फरार हो गया, लेकिन उसका भाई हमारे लिए बड़ा मददगार साबित हुआ। ‘
बेंगलुरु से भागकर ओडिशा गया मुक्तिरंजन, रातभर परिवार के साथ रहा मुक्तिरंजन को पकड़ने के लिए पुलिस उसकी लोकेशन ट्रैक कर रही थी। शुरुआत में मुक्तिरंजन के मोबाइल की लोकेशन पश्चिम बंगाल में मिली। फिर फोन स्विच ऑफ आने लगा। आखिर में उसकी लोकेशन ओडिशा के फंडी गांव में मिली। मुक्तिरंजन का परिवार इसी गांव में रहता है। लोकेशन आइडेंटिफाई होने के बाद बेंगलुरु पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए टीम भेजी।
पुलिस मुक्तिरंजन को खोज ही रही थी कि 25 सितंबर की दोपहर उसका शव कुलेपाड़ा के कब्रिस्तान में लटका मिला। ये जगह उसके घर से करीब 3 किमी दूर है। पुलिस के मुताबिक, मुक्तिरंजन सुसाइड से एक दिन पहले 24 सितंबर को घर आया था। मुक्तिरंजन की मां ने भी बताया है कि वो रात में 10 बजे घर पहुंचा था। सुबह 4 बजे तक रहा, इसके बाद चला गया।
मुक्तिरंजन के भाई का आरोप- महालक्ष्मी के गुंडे धमकाते थे मुक्तिरंजन के भाई सत्यरंजन ने ओडिशा पहुंची बेंगलुरु पुलिस से कहा, ‘2 महीने पहले भाई मुझसे मिलने आया था। उसने बताया था कि कुछ लोग मुझे फोन करके धमका रहे हैं। वे कहते हैं कि अगर तुमने महालक्ष्मी की बात नहीं मानी, तो तुम्हारे टुकड़े करके कुकर में उबालेंगे।’
‘भाई इन धमकियों से बहुत घबरा गया था। उसे इस बात का दुख था कि उसने अपनी सारी कमाई उस लड़की पर बर्बाद कर दी।’
वहीं मुक्तिरंजन की मां ने पुलिस को बताया कि मैंने अपने तीनों बेटों के लिए एक तरह की अंगूठी बनवाई थी। मुक्तिरंजन ने वो अंगूठी भी उस लड़की को दे दी। पहले से शादीशुदा होने के बाद भी लड़की उसे शादी के लिए धमका रही थी।
मुक्तिरंजन के भाई को ओडिशा से बेंगलुरु ला सकती है पुलिस मुक्तिरंजन के बड़े भाई सत्यरंजन ने महालक्ष्मी और उसके भाई उक्कम पर मारपीट और ब्लैकमेलिंग के आरोप लगाए हैं। उसके बयानों के आधार पर पुलिस उक्कम और महालक्ष्मी के दोस्त अशरफ से पूछताछ कर रही है।
सत्यरंजन के मुताबिक, महालक्ष्मी के मर्डर से पहले मुक्तिरंजन उसके पास आया था। उस वक्त वो बहुत परेशान था। उसने बताया कि महालक्ष्मी और उसका भाई उक्कम मुझे धमका रहे हैं। उक्कम ने दोस्तों के साथ मिलकर मुझे पीटा भी है। वे लोग कह रहे थे कि महालक्ष्मी जो कहे, मैं वही करूं। अगर नहीं किया तो मुझे और भाइयों को मार डालेंगे।
सोर्स के मुताबिक, इनवेस्टिगेशन टीम सत्यरंजन को ओडिशा से बेंगलुरु ला सकती है। फिलहाल, सुसाइड वाली जगह मिले लैपटॉप, डायरी और दूसरे सामानों को FSL जांच के लिए भेज दिया गया है।
मुक्तिरंजन-महालक्ष्मी के भाइयों को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ होगी बेंगलुरु पुलिस महालक्ष्मी के भाई उक्कम से पूछताछ कर रही है। मुक्तिरंजन के भाई का आरोप है कि महालक्ष्मी ने मुक्तिरंजन से सोने की चेन और 7 लाख रुपए लिए थे। आगे की जांच के लिए पुलिस महालक्ष्मी और मुक्तिरंजन के भाई को आमने-सामने बैठाकर बात कर सकती है। मुक्तिरंजन के लैपटॉप के डेटा और उसकी डायरी से भी और खुलासे हो सकते हैं।
बेंगलुरु कमिश्नर बोले- ओडिशा से टीम लौट आए, फिर खुलासा करेंगे बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर बी दयानंद कहते हैं, ‘मुक्तिरंजन ने सुसाइड नोट में मर्डर की बात कबूल की है। हम हत्या में उसकी भूमिका तय मान रहे हैं। हमारी टीमें अभी ओडिशा में केस से जुड़ी बाकी जानकारियां इकट्ठा कर रही हैं। उनके वापस आने के बाद हम इनवेस्टिगेशन आगे बढ़ाएंगे। तभी इस मामले की बाकी जानकारी शेयर की जाएगी।”
पुलिस सोर्स के मुताबिक, अभी महालक्ष्मी की हत्या की जांच चल रही है। पुलिस को उस हथियार का पता चल गया है, जिससे महालक्ष्मी की बॉडी के टुकड़े किए गए। हत्या वाली जगह पर पुलिस को एक से ज्यादा लोगों की उंगलियों के निशान मिले हैं। पुलिस हर एंगल की जांच कर रही है। इसमें 4 स्पेशल टीम लगी हैं।