छत्तीसगढ़ के दूर दराज के गांव में जगह-जगह स्वालंबी भारत अभियान के द्वारा खासकर ग्रामीण अंचल में जाकर जरूरतमंद लोगों को रोजगार के नए नए अवसरों का प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है ! जिसका नेतृत्व प्रदेश समन्वयक संजय चौबे कर रहे हैं !
स्वावलंबी भारत अभियान के द्वारा आशा की ऐसी ही एक किरण छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के मगरलोटा के आश्रित ग्राम बिरेझर में भी जागृत की गई जहां आदिवासी सामाज की महिलाओं के साथ स्वावलंबन के विषय को लेकर महिलाओं की छोटी टोली के साथ बैठक लेकर रोजगार के नए आयाम प्रस्तुत किए गए ! मातृ शक्तियों ने चर्चा के दौरान बताया की हम सभी खेती पर निर्भर है, खेती के बाद गावं की महिलायें खाली रहती है, उनके पास कोई भी काम नहीं रहता, तथा इनके ग्राम जो की ग्राम नवागावं मुढ़ीपार से २ किलोमीटर की दुरी में है , आसपास बहुत सारे गाँवों में हाट बाजार
लगता है, उन्होंने चर्चा के दौरान कहा की हम सभी कुछ करना चाहते है तथा आत्मनिर्भर बनना चाहते है !
इसी कड़ी में उन्हें प्रशिक्षण के बारे में बताया गया, आगे दशहरा त्यौहार के बाद बड़ी टोली की बैठक लेने पर चर्चा हुई ! आज की बैठक में आदिवासी सामाज की प्रमुख महिलाएं जिनमें अन्नपूर्णा कौर्राम , हिरौंदी कौराम, भागवती नेताम, प्रेमा नेताम, ओमकुमारी नेताम, किरण नेताम, शिवकुमार नेताम, पर्स्तुती मंडावी, सवाना नेताम, यमुना खेदेया, सुखंती मंडावी, उमा कौर्राम, भारती पोड़ेंरी, ईश्वरी कौराम सहित अन्य महिलायें भी आज की बैठक में शामिल रही !