राशन दुकानों का सरकारी चावल बेखौफ खुले बाजार में बेचा जा रहा है। इस तरह की गड़बड़ी पकड़ने के बाद भी खाद्य विभाग के अफसर उसकी जांच कितनी गंभीरता से करते हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2 साल पहले हुए फर्जीवाड़े की एफआईआर अब कराई गई है। जय हिंद प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार राजातालाब के अध्यक्ष की मौत दो साल पहले 2022 में कोरोना से हो गई थी। उनकी मौत के बाद भी दुकान बिना किसी हैंडओवर के उनके ही नाम से चलती रही। खाद्य विभाग ने जब इसकी जांच की तो पता चला कि दुकान में क्विंटलों से चावल-शक्कर कम है।
फर्जीवाड़े का खुलासे के बाद दुकान चला रहे लोगों ने विभाग को त्याग पत्र दे दिया। लेकिन तब तक जांच पूरी हो गई। कई कारणों का हवाला देकर इस मामले में अब सिविल लाइन थाने में एफआईआर कराई गई है।
क्या है मामला
खाद्य निरीक्षक वीणा किरण साहू ने एफआईआर में बताया कि राजातालाब की राशन दुकान का संचालन राकेश मिश्रा और फरजाना खान कर रहे थे। लोगों ने शिकायत की थी कि राशन दुकान से उन्हें समय पर राशन नहीं मिल रहा है। इसके बाद जांच की गई तो पता चला कि दुकान के मुख्य संचालक राकेश मिश्रा द्वारा समय स्टॉक नहीं रखा जा रहा है।
उनके कहने पर विक्रेता फरजाना खान राशन का वितरण करती थी। जांच के दौरान दुकान में 728.76 क्विंटल चावल, 8.38 क्विंटल शक्कर, 13.26 क्विंटल नमक कम मिला। इसके बाद 22 अक्टूबर 2022 को संस्था के अध्यक्ष सुरेश मिश्रा की मृत्यु होने का हवाला देकर फरजाना ने दुकान से त्याग पत्र जमा कर दिया गया। लेकिन अध्यक्ष की मृत्यु संबंधी कोई भी दस्तावेज जमा नहीं किया।
इस वजह से अध्यक्ष की मौत कब हुई यह भी स्पष्ट नहीं था। राकेश की मौत होने के बावजूद उसके मोबाइल नंबर का भी उपयोग किया जा रहा था। खाद्य निरीक्षक ने संस्था संबंधी दस्तावेज और अध्यक्ष का मृत्यु प्रमाण देने के लिए दुकान में नोटिस चस्पा कराया। इसके बाद 23 नवंबर 2022 को अध्यक्ष का मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया गया।
मृत्यु प्रमाण पत्र से पता चला कि उनकी मौत 27 अप्रैल 2021 को ही हो चुकी थी। इससे यह साबित होता है कि अध्यक्ष सुरेश मिश्रा की मृत्यु हो जाने के बाद भी उनके हस्ताक्षर से दुकान (आईडी 441001080) का संचालन किया जा रहा था। इसलिए आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत पहले प्रकरण बनाया गया फिर एफआईआर दर्ज कराई गई।