भारत ने शनिवार को बांग्लादेश में चल रहे दुर्गा पूजा महोत्सव के दौरान हिंदू मंदिरों और पूजा मंडपों पर हुए हमलों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक सख्त बयान जारी करते हुए इन हमलों की निंदा की और बांग्लादेश सरकार से अपने अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया, “हमने ढाका के तांतीबाजार में एक पूजा मंडप पर हुए हमले और सतीखिरा के प्रसिद्ध जेशोरेश्वरी काली मंदिर में हुई चोरी पर गंभीर चिंता जताई है। ये घटनाएं निंदनीय हैं और यह मंदिरों और देवी-देवताओं के विध्वंस का एक संगठित पैटर्न दिखाती हैं, जिसे हम पिछले कुछ दिनों से देख रहे हैं।” भारत ने बांग्लादेश सरकार से तुरंत कार्रवाई करने और विशेष रूप से दुर्गा पूजा के दौरान अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
यह बयान उन घटनाओं के बाद आया है जिनमें बांग्लादेश में हिंदू धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया गया। शुक्रवार रात, ढाका के तांतीबाजार क्षेत्र में एक मंदिर पर आगजनी की गई, जिसके बाद पूजा कर रहे श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया। हालांकि इस हमले में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अफरातफरी में पांच लोग घायल हो गए। इसके अलावा, बांग्लादेश के दक्षिण-पश्चिमी सतीखिरा जिले में दुर्गा पूजा के बीच एक हिंदू मंदिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उपहार स्वरूप दिया गया सोने का हस्तनिर्मित मुकुट चोरी हो गया।
बांग्लादेश पुलिस ने इस महीने दुर्गा पूजा के दौरान हुईं करीब 35 हिंसक घटनाओं के संबंध में 17 लोगों को गिरफ्तार किया है। बांग्लादेश के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) मोइनुल इस्लाम ने आश्वासन दिया कि अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं और जो कोई भी हिंसा फैलाने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस्लाम ने कहा, “जो कोई भी इन अशांति फैलाने वाली गतिविधियों में शामिल होगा, उसे कानून के कटघरे में खड़ा किया जाएगा। हम किसी को भी दुर्गा पूजा के दौरान उथल-पुथल फैलाने की अनुमति नहीं देंगे।” इन हमलों और चोरियों के बाद, बांग्लादेश के हिंदू समुदाय के बीच असुरक्षा की भावना बढ़ गई है। मुस्लिम बहुल बांग्लादेश की 17 करोड़ की आबादी में हिंदू महज 8% हैं।