एंड्रॉयड एप्लिकेशन किट फाइल की मदद से लोगों को ठगा जा रहा है। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के 30 गांवों में 10 करोड़ की ठगी की गई। इसके अलावा मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर और कोरबा जिले में भी APK से ठगी की शिकायतें मिली हैं। तीनों जिलों में ठगी की राशि 40 करोड़ रुपए से ज्यादा है। हालांकि अभी किसी भी मामले में FIR दर्ज नहीं की गई है। आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश में हर महीने 1187 मामले साइबर फ्रॉड के दर्ज हो रहे हैं और करीब 4 करोड़ से ज्यादा की राशि होल्ड है।
केस-1 : ऐप डाउनलोड कराकर निवेश कराया, फिर विड्रॉल बंद हुआ
बलरामपुर निवासी राम साहू को दवा बेचने वाले कारोबारी ने गूगल में APK फाइल से ANTOFAGASTA PLC ऐप डाउनलोड कराया। कहा कि, इसमें जितना पैसा लगाओगे 72 दिन में डबल होकर मिलेगा। हर दिन विड्रॉल भी कर सकोगे।
राम ने 600 रुपए इन्वेस्ट किए और खाते में 12 रुपए दिखने लगा। पैसा रोज आने लगा तो उसने सारी जमा पूंजी लगाई, उधारी भी ली। कुछ दिन बाद तकनीकी खराबी बताकर विड्रॉल बंद कर दिया गया। इसमें 30 गांवों के लोगों ने 10 करोड़ रुपए लगाए।
केस-2 : ठगी की, फिर AI वीडियो भेजकर थैंक्यू भी कहा
रायपुर के राजा तालाब निवासी शख्स ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें परिचित के माध्यम से एंग्लो अमेरिकन ऐप की जानकारी हुई थी। उन्होंने पहले 40 हजार रुपए इन्वेस्ट किया। इसके बाद उनको वॉट्सऐप ग्रुप में मैसेज आया कि 120 दिन तक 700 रुपए रोज मिलेगा। अगले दिन से उन्हें पैसा मिलना भी शुरू हो गया।
तीन महीने पर पैसा डबल करने का ऑफर दिया। इस ऑफर को देखकर उन्होंने लाखों रुपए इन्वेस्ट कर दिए। इसके बाद कंपनी ने वॉट्सऐप ग्रुप में लड़की का AI वीडियो अपलोड कर फ्रॉड के लिए थैंक्स कहा और कंपनी बंद करके फरार हो गए।
इन साफ्टवेयर के माध्यम से करते हैं ठगी
साइबर एक्सपर्ट मोहित साहू के अनुसार, साइबर ठग APK साफ्टवेयर में मालवेयर या स्पाईवेयर (जासूसी/ हैकिंग साफ्टवेयर) को पैच करके मैसेज भेज रहे हैं। ये ठगी स्पायड्रॉइड, अहमिथ, स्पायड्रॉइड 888 साफ्टवेयर के मदद से की जाती है।
ठग इन ऐप को गेम, मूवी, इमेज, जिफ, लोन ऐप में बाइंड करते है और मैसेज के माध्यम से मोबाइल यूजर्स तक भेजते है। यूजर्स इनको जैसे ही टच करता है, लिंक के माध्यम से साफ्टवेयर मोबाइल में अपलोड हो जाता है और ठग मोबाइल हैक कर लेते हैं।
जानिए क्या होती है APK फाइल, और कैसे करते हैं फ्रॉड
APK एक फाइल फॉर्मेट है। इसका इस्तेमाल एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) पर ऐप्लिकेशन को इंस्टॉल करने के लिए किया जाता है। APK फाइल में ऐप्लिकेशन के लिए जरूरी सभी डेटा होता है, जिसमें सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के कोड और अन्य संसाधन शामिल है।
ठग इसमें साफ्टवेयर बाइंड करके यूजर्स का अकाउंट खाली करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। मोबाइल फोन पर भी इस फाइल के डाउनलोड होने के बाद कोई आइकन नहीं दिखता, जिससे इसको अनइंस्टाल किया जा सके।
एक बार आपने लिंक पर क्लिक किया तो फोन में इसकी डाउनलोडिंग शुरू हो जाती है। डाउनलोड होने पर मोबाइल फोन हैक होना शुरू कर देता है। इसके बाद अन्य लोगों को भी डाउनलोड कराने का मैसेज वॉट्सऐप पर भेजना शुरू कर देते हैं।
साइबर क्राइम होने पर शिकायत कहां करें ?
अगर आपको ऐसी ही कोई कॉल या मैसेज आता है, जिसमें डरा-धमकाकर पैसे की मांग की जाती है तो इसकी नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत जरूर करें। सरकार ने साइबर और ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए संचार साथी वेबसाइट पर ‘चक्षु पोर्टल’ लॉन्च किया है।
इसके अलावा http://www.cybercrime.gov.in पर भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शिकायत दर्ज कराने के लिए पोर्टल पर उपलब्ध वाणी चैट बोट की मदद ले सकते हैं। साइबर फाइनेंशियल क्राइम हेल्पलाइन नंबर 155260 के जरिए भी शिकायत कर सकते हैं।