बिना पीएम परिजनों को बच्चे का शव दे दिया पल्स-हॉस्पिटल : दुर्ग में कब्र से निकालकर किया गया पोस्टमॉर्टम, जांच टीम बोली- अस्पताल की लापरवाही है…!!

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छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में कलेक्टर के निर्देश पर ढाई साल के बच्चे के शव को कब्र से निकालकर पोस्टमॉर्टम किया गया। बताया जा रहा है कि बच्चे की सड़क हादसे में मौत हुई थी, जिसके बाद शव को बिना पोस्टमॉर्टम के ही दफना दिया गया था। मामला नंदिनी थाना क्षेत्र का है। परिजनों का आरोप है कि हॉस्पिटल प्रबंधन की लापरवाही से ऐसा हुआ। इसके लिए उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। अस्पताल प्रबंधन ने मौत की सूचना पुलिस को भी नहीं दी थी। बच्चे को परिजनों को यह नहीं बताया कि शव का पोस्टमॉर्टम कराना अनिवार्य है।

बाइक और एक्टिवा में आमने सामने भिड़ंत

नंदिनी थाना प्रभारी मनीष शर्मा ने बताया कि घटना 12 अक्टूबर 2024 को दोपहर साढ़े बजे की है। एयरोड्रम नंदिनी के पास बाइक और एक्टिवा में आमने सामने भिड़ंत हो गई। दोनों गाड़ियों के चालकों को मामूली चोट आई थी, लेकिन ढाई साल के मासूम विनय साहू को गंभीर चोट आई थी।

13 अक्टूबर को विनय ने दम तोड़ दिया

इसके बाद परिजन तुरंत मासूम को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपेला लेकर आए। यहां प्राथमिक उपचार के बाद बच्चे को जिला अस्पताल दुर्ग रेफर किया गया, लेकिन बच्चे को जिला अस्पताल ना ले जाकर सीधे नेहरू नगर स्थित पल्स हॉस्पिटल ले जाया गया। यहां इलाज के दौरान अगले दिन 13 अक्टूबर को विनय ने दम तोड़ दिया।

2 दिन बाद मचा हड़कंप, निकाला गया दोबारा शव

2 दिन बाद 15 अक्टूबर को जैसे ही इसकी जानकारी अस्पताल और पुलिस को हुई तो हड़कंप मच गया। इसकी जानकारी दुर्ग कलेक्टर ऋचा प्रकास चौधरी को दी गई। उन्होंने एक टीम का गठन की, जिसमें SDM, डॉक्टर और पुलिसवालों को शामिल किया गया। मंगलवार दोपहर पूरी टीम कुरुद मुक्तिधाम पहुंची। बच्चे के दफन शव को फिर से निकाला गया।

मृत बच्चे के दादा खेमलाल ने बताया कि पल्स अस्पताल के लोगों ने कहा शव को घर ले जाओ तो वो लोग ले आए और उसका अंतिम संस्कार कर दिया। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही है। इसके लिए उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

मौत का कारण जानने पोस्टमॉर्टम कराना अनिवार्य

टीम में शामिल डॉक्टर का कहना है कि विनय साहू की मौत सड़क हादसे में हुई है। शव का पोस्टमॉर्टम करना अनिवार्य है। इससे उसकी मौत का कारण पता चल पाता है। अस्पताल प्रबंधन की गलती है। उन्हें परिजनों को बिना पोस्टमॉर्टम शव नहीं देना था। साथ ही संबंधित थाने मे मेमो भेजकर इसकी सूचना देनी थी, जो की नहीं दी गई है।

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