शिक्षा में अचूक रचनात्मक पहल से प्रगतिशील प्रेरक समर्पित प्रधान अध्यापिका ब्रजेश्वरी रावटे ने शिक्षक दिवस में राज्यपाल पुरस्कार से सम्मान राशि 21 हजार मिले थे, उसे शुक्रवार को समाज कल्याण विभाग के सहायक संचालक वैशाली मरडवार की उपस्थिति में सेनेटरी नेपकिन एटीएम मशीन एवं सिलाई मशीन उपहार स्वरूप बालिकाओं को दिया। इस अवसर पर डिप्टी डायरेक्टर वैशाली ने कहा मासिक धर्म एक नेचुरल प्रोसेस है। सभी बालिकाओं को बताया कि यह एक ऐसा दौर होता है, जहां शारीरिक और मानसिक दोनों बदलाव काफी तेजी से होता है।
इस समय अगर सही देखभाल के साथ सही जानकारी न मिले तो बच्चों में नकारात्मक भाव उत्पन्न होता है। प्रधान अध्यापिका की सोच और संवेदनशीलता नेक कार्य है, सिलाई बुनाई का कार्य पढ़ाई के साथ साथ व्यवसाय के लिए बहुत अच्छा है तो प्रधान अध्यापिका ने सिलाई मशीन भी बच्चों को उपहार में दिया है।
ब्रजेश्वरी रावटे ने बताया कि मेरी पहली प्राथमिकता बच्चों के लिए सेनेटरी पैड मशीन रही। पीरियड के दौरान उन्हें कई प्रकार की परेशानी से होकर गुजरना पड़ता है, ऐसे में मैंने विद्यालय में ही व्यवस्था कराने की सोची। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना के तहत व्यावसायिक शिक्षा विद्यालय में संचालित है। सभी बच्चे, बांस का समान, फूलझाडू, सिलाई बुनाई करना सीखा है, इसलिए सिलाई मशीनें भी उपहार में दिया है।