टेलीग्राम-सिग्नल ऐप से गैंग चलाता है लॉरेंस-बिश्नोई का करीबी : अमन साव जेल में बैठकर गुर्गों को डायरेक्शन देता था; फिर रिमांड लेगी रायपुर पुलिस…!!

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गैंगस्टर अमन साव को रायपुर पुलिस फिर से रिमांड पर लेगी। अमन साव से पूछताछ की जा सके, इसके लिए कागजी कार्रवाई पुलिस कर रही है। तेलीबांधा पुलिस ने सीजेएम कोर्ट में आवेदन लगाया है। जेल से ही गैंग ऑपरेट करने के कुछ इनपुट भी पुलिस के हाथ लगे हैं। इनपुट के मुताबिक, जेल से ही गैंगस्टर अमन सोशल मीडिया ऐप के जरिए अपने गुर्गों को डायरेक्शन देता है। अमन पर झारखंड की जेल में बैठकर रायपुर के कारोबारियों पर भी गोली चलवाने का आरोप है। फिलहाल वह रायपुर सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में 28 अक्टूबर तक बंद है।

ऐप की मदद से ऑपरेट करता था गैंग

गैंगस्टर अमन साव से पूछताछ करने वाले अधिकारियों ने बताया, कि आरोपी साव झारखंड जेल से गैंग के सदस्यों से बात करने के लिए टेलीग्राम, सिग्नल ऐप का इस्तेमाल करता था। वॉट्सऐप कॉलिंग का इस्तेमाल उसने बहुत कम किया है।

बताया जा रहा है कि वारंट जारी होने के बाद पुलिस अमन साहू को रिमांड पर ले सकती है। अफसरों का कहना है, कि आरोपी से मिली सूचना के आधार पर तकनीकी जांच की गई जिसमें कुछ इनपुट मिले हैं। ये इनपुट आरोपी के खिलाफ साक्ष्य जुटाने में मददगार साबित होगा।

इस तरह गैंग ऑपरेट करता था अमन

पुलिस की पूछताछ में गैंगस्टर ने बताया, कि उसकी गैंग में कई लोग ऐसे हैं, जो उसका चेहरा भी नहीं पहचानते थे। गिरफ्तारी से पहले वो अपना पूरा नेटवर्क फोन की मदद से चलाता था। उसके पकड़े जाने के बाद उसके निर्देश पर मयंक पूरा नेटवर्क चलाने लगा।

अमन साव काम की जानकारी मयंक को देता था। मयंक मलेशिया से बैठकर गैंग के बाकी सदस्यों को काम की जानकारी देता था। गैंग के सदस्य, जो कई गुटों में हैं, वो सभी काम को उठाते थे और वारदात को अंजाम देते थे। जिस गैंग को काम मिलता था, उस गैंग का मुखिया सीधा मयंक को प्रोग्रेस रिपोर्ट देता था। मयंक फोन की मदद से उसकी जानकारी अमन को देता था।

पीआरए ग्रुप गोलीकांड- प्लान अमन का..इंप्लीमेंट मयंक ने किया

पुलिस की पूछताछ में गैंगस्टर अमन साव ने बताया, कि पीआरए ग्रुप से उसने दो प्रतिशत लेवी मांगी थी। पहले तो पीआरए ग्रुप के सदस्य लेवी देने के लिए तैयार नहीं हुए, लेकिन झारखंड में उनकी साइट पर गोली चलाने के कारण वो लेवी देने के लिए तैयार हो गए।

पीआरए ग्रुप के सदस्यों की सूचना पर साव गैंग के गुर्गे पैसा लेने पहुंचे, तो एटीएस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस कांड के बाद अमन ने पीआरए ग्रुप के मालिक को डराने के लिए घायल करने का प्लान बनाया और इसी बीच उसका ट्रांसफर दूसरी जेल में कर दिया गया।

अमन, मलेशिया में बैठे मयंक को इस प्लान की जानकारी दे चुका थे, लेकिन झारखंड की गिरिडीह जेल से ट्रांसफर होने के कारण उनकी बातचीत नहीं हो पाई। अमन की बातचीत के बगैर पीआरए ग्रुप गोलीकांड हुआ, लेकिन पहले की सहमति होने के कारण अमन साव ने वारदात करवाने की बात कबूली है।

NIA भी कर रही जांच

अमन साव के खिलाफ झारखंड और रायपुर पुलिस के अलावा NIA भी जांच कर रही है। उग्रवादी संगठनों से संपर्क होने के कारण चार महीने पहले NIA ने अमन साव के रिश्तेदारों के यहां दबिश दी थी। रिश्तेदारों के घर से एसयूवी गाड़ी के अलावा संदिग्ध दस्तावेज भी जब्त किए थे।

रायपुर के दो मामले में आरोपी है अमन

एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने गैंगस्टर अमन साव को दोबारा रिमांड लेने की बात कही है। मीडिया से चर्चा के दौरान एसएसपी ने बताया, कि गैंगस्टर का गिरोह झारखंड में लेवी वूसली का काम करता है। प्रदेश के कारोबारी जो रायपुर में काम कर रहे हैं, उनको डराने के लिए रायपुर में वारदात की थी।

रायपुर में गंज और तेलीबांधा में आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग केस दर्ज है। गंज मामले में पूछताछ कर चुके हैं। तेलीबांधा केस में पूछताछ करने के लिए आरोपी को रिमांड में लिया जाएगा। आरोपी ने पूछताछ के दौरान कई जानकारियां दी है।

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