उन्होंने कैप्शन में लिखा था, ” हिटलर यहूदियों से इतनी नफरत क्यों करता था? यह बात अब समझ में आ रहा है?” हालांकि कड़ी प्रतिक्रिया के बाद राज्यसभा सांसद ने अपना ट्वीट हटा लिया था।
इजरायली दूतावास ने शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राउत के बयान पर कड़ा एतराज जताया है। सूत्रों के मुताबिक, विदेश मंत्रालय और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखी चिट्ठी में दूतावास ने यहूदी समुदाय के खिलाफ नरसंहार को उचित ठहराने वाली राज्यसभा सांसद के बयान पर निराशा व्यक्त की है।
आपको बता दें कि 14 नवंबर को संजय राउत ने गाजा के अल-शिफ़ा अस्पताल में चुनौतीपूर्ण स्थिति के बारे में एक रिपोर्ट फिर से साझा की थी। उन्होंने कैप्शन में लिखा था, ” हिटलर यहूदियों से इतनी नफरत क्यों करता था? यह बात अब समझ में आ रहा है?” हालांकि कड़ी प्रतिक्रिया के बाद राज्यसभा सांसद ने अपना ट्वीट हटा लिया था।
संजय राउत द्वारा शेयर की गई रिपोर्ट में इजराइल के हमले के बाद अल-शिफा अस्पताल में समय से पहले जन्मे बच्चों को रोते हुए दिखाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक,अल-शिफा अस्पताल में समय से पहले जन्मे बच्चे रो रहे हैं। जिस इनक्यूबेटर में उन्हें रखा गया था, उसकी बिजली इजराइल ने काट दी है। सशस्त्र बलों ने अस्पताल को चारों तरफ से घेर लिया है। किसी भी खाद्य पदार्थ, दूध या पानी को अंदर ले जाने की अनुमति नहीं है।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यूरोपीय यहूदियों का नरसंहार हुआ था। 1941 और 1945 के बीच नाजी जर्मनी और उसके सहयोगियों ने जर्मनी के कब्जे वाले यूरोप भर में लगभग 60 लाख यहूदियों को गैस चैंबर में बंद करके मार डाला था।
अक्टूबर की शुरुआत में इजरायल-हमास संघर्ष शुरू होने के बाद से ही राउत सक्रिय रूप से इस पर अपने विचार व्यक्त करते रहे हैं। पिछले महीने में उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा और उग्रवादी समूह के बीच समानताएं निकालीं। बाद में उन्होंने कहा कि इजरायल के लिए भारत का समर्थन केंद्र को पेगासस स्नूपिंग सॉफ्टटवेयर की आपूर्ति के कारण था।
7 अक्टूबर को हमास आतंकवादियों द्वारा सीमा पार करने के बाद इजरायल ने गाजा में अपना आक्रमण शुरू किया। लगभग 1,200 लोग मारे गए थे। हमास ने 200 से अधिक व्यक्तियों का अपहरण कर लिया था। वहीं, इजरायल के हमले में 5,000 से अधिक बच्चों सहित 14,000 से अधिक लोगों की जान चली गई है।