ग्राउंड रिपोर्ट दिल्ली मर्डर- CCTV में दिखा शूटर, ढूंढ नहीं पाई पुलिस:आरोपी की मां बोली- जूते लेने गया, लौटकर बोला- किसी ने चाचा को मार दिया

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दिल्ली के शाहदरा की बिहारी कॉलोनी। गली नंबर-1 का आखिरी मकान। इसी मकान के सामने 31 अक्टूबर को दिवाली की रात 40 साल के आकाश शर्मा, भतीजे ऋषभ के साथ पटाखे चला रहे थे। करीब 8 बजे स्कूटी से एक लड़का आया। लड़के ने आकाश के पैर छुए। तभी उसके साथ-साथ पैदल आए लड़के ने पिस्टल निकाली और आकाश पर फायरिंग कर दी।

16 साल के ऋषभ ने हमलावर को पकड़ने की कोशिश की, तो उसे भी गोली मार दी। स्कूटी चला रहा लड़का भी आकाश का भतीजा था। अभी वो नाबालिग है। मर्डर के बाद 70 हजार रुपए के विवाद की बात सामने आई थी। नाबालिग पुलिस की कस्टडी में है। शूटर अभी फरार है। 4 दिन बाद भी पुलिस उसे तलाश नहीं कर पाई है, न ही अब तक मर्डर की वजह सामने आई है।

 आरोपी नाबालिग के माता-पिता से बात की। वे पहली बार मीडिया के सामने आए। मां कहती हैं, ‘मेरा बेटा तो जूते खरीदने गया था। मुझसे 500 रुपए लिए थे। वहीं से चाचा के पैर छूने उनके घर गया था। तभी शूटर ने हमला कर दिया।’ वहीं, पिता कहते है, ‘अगर मेरा बेटा दोषी है तो उसे फांसी हो जाए। मुझे कोई एतराज नहीं होगा। अगर कोई दूसरा दोषी है, तो उसे सजा मिले।’

फोटोज में देखिए मर्डर की पूरी घटना

1 मिनट 35 सेकेंड के वीडियो में मर्डर की पूरी कहानी दिल्ली में डबल मर्डर का CCTV फुटेज भी सामने आया था। इसमें दिख रहा है कि ऋषभ पटाखे जलाने के लिए झुका है। आकाश भी वहीं मौजूद हैं। तभी कैमरे पर दो लोग दिखते हैं। एक स्कूटी से आया और दूसरा पैदल चलते हुए।

स्कूटी वाला लड़का आकाश के करीब आया। पैदल आ रहा शूटर थोड़ी दूर रुक गया। हाथ में पानी की बोतल लेकर आए शूटर ने मास्क पहना था।

आकाश और ऋषभ ने दोनों को देखा और फिर पटाखों में आग लगाने लगे। तभी स्कूटी से उतरे बिना लड़के ने आकाश के पैर छुए। आकाश हंसते हुए उससे बात करते हैं और पीछे मुड़कर घर के अंदर जाने लगते हैं। तभी पास खड़े शूटर ने पिस्टल निकाली और आकाश पर फायरिंग कर दी। फायरिंग होते ही स्कूटी चला रहा नाबालिग आगे बढ़ गया। शूटर उसके पीछे-पीछे भागा।

ऋषभ ने पीछा करके शूटर को पकड़ लिया। हालांकि, ये CCTV फुटेज में नहीं दिखता है। चश्मदीदों के मुताबिक, ऋषभ ने जैसे ही शूटर को दबोचा, उसने करीब से ऋषभ को गोली मार दी। इससे उसकी मौत हो गई।

पीले कुर्ते में दिख रहा ऋषभ 12वीं में पढ़ रहा था। उसने शूटर को पकड़ने की कोशिश की थी, लेकिन वो ऋषभ को गोली मारकर भाग गया।

गोली चलाकर शूटर अलग बाइक से भागा, CCTV में चेहरा दिखा आगे की पड़ताल के लिए  आसपास के लोगों और पुलिस सूत्रों से बात की। इससे पता चला कि आकाश शर्मा के घर पर ही 5 से ज्यादा CCTV कैमरे लगे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें पहले से खतरे का आभास था।

गली नंबर-1 में एंट्री करते ही एक घर में CCTV कैमरे लगे दिखे। आकाश का घर गली के आखिरी छोर पर है। गली आगे भी जाती है, लेकिन इसकी चौड़ाई कम हो जाती है। यहां से दो या तीन बाइक ही निकल सकती हैं। गली से बाहर निकलते ही दुकानें और घर हैं। यहां भी 10 से ज्यादा CCTV कैमरे लगे हैं। पता चला कि इनमें से कोई एक कैमरा ही काम कर रहा था, जिसकी फुटेज पुलिस ने ले ली है।

डबल मर्डर के बाद आकाश के घर के बाहर पुलिस तैनात की गई थी। आकाश के घर के आगे गली की चौड़ाई काफी कम हो जाती है। शूटर इसी तरफ से फरार हो गए।

आसपास के कुछ लोगों ने CCTV फुटेज देखी थी। उन्होंने बताया कि गोली चलाने के बाद शूटर गली से बाहर निकला। उससे थोड़ी देर पहले ही नाबालिग लड़का स्कूटी से बाहर निकला और बाईं तरफ वाली गली में चला गया। उसके पीछे-पीछे शूटर आया। उसने मास्क हटाया और आसपास देखा। इसके बाद पहले से खड़ी बाइक से फरार हो गया। उसने मास्क नीचे किया, तभी उसकी फोटो CCTV कैमरे में कैद हो गई।

CCTV फुटेज में दिखा ये शख्स शूटर बताया जा रहा है। अब तक इसकी पहचान नहीं हो पाई है।
CCTV फुटेज में दिखा ये शख्स शूटर बताया जा रहा है। अब तक इसकी पहचान नहीं हो पाई है।

अब नाबालिग आरोपी की मां का बयान पढ़िए ‘हम दिवाली की तैयारी कर रहे थे। उस दिन बेटे ने कहा था कि मुझे नए जूते चाहिए। उसने मुझसे 500 रुपए मांगे। पहले तो मैंने मना किया। उससे कहा कि दिवाली के बाद ले ले लेना। वो जिद करने लगा, तो मैंने 500 रुपए दे दिए। शाम 7 से 7:30 बजे के बीच बेटा घर से निकल गया।’

‘करीब 8:15 बजे उसके चिल्लाने की आवाज आई। वो गली से ही बोला- मम्मी छोटू चाचा (आकाश) को गोली मार दी। मैंने कहा कि तुम तो जूते लेने गए थे। वहां कैसे पहुंच गए। उसने जवाब दिया कि मैं जूते लेकर चाचा के घर चला गया था। मेरे सामने छोटू चाचा को गोली मार दी।’

‘मैंने बेटे से कहा कि तुमने गोली मारने वाले को क्यों नहीं पकड़ा। उसे नहीं छोड़ना था। वो बोला मम्मी उसके पास गन थी, जिसने पकड़ा, उसे भी गोली मार दी। मैं बचकर भाग आया, और क्या करता। फिर उसी ने पापा से कहा कि मेरे साथ अस्पताल चलो।’

‘बेटा और उसके पापा दोनों अस्पताल चले गए। कुछ देर बाद पुलिसवाले घर आए। बेटे के बारे में पूछा। मैंने बताया कि वो पापा के साथ हॉस्पिटल गया है। देवर को किसी ने गोली मार दी है। पुलिस वाले चले गए। कुछ देर बाद बाप-बेटे लौटकर आए। मेरे पति बेटे को ले गए और सबके सामने उसे पुलिस को सौंप दिया।’

बेटे ने कुछ किया है तो वो मर जाए, मुझे दुख नहीं होगा नाबालिग आरोपी की मां आगे कहती हैं, ‘मेरे बेटे ने कुछ नहीं किया। अगर उसने कुछ किया है तो वो भी मर जाए। उसे मौत की सजा मिले। मुझे दुख नहीं होगा। मरने वाले भी मेरे ही बच्चे थे। उन्हें मारने वालों को सजा मिलनी चाहिए। अगर मेरे बेटे ने मरवाया है, तो उसे भी सजा मिले। मेरी उनसे कोई दुश्मनी नहीं है। हमारा उनसे एक पैसे का लेना-देना नहीं है।’

वहीं, आकाश की मां शशि ने घटना के बाद बताया था कि नाबालिग पिछले 3-4 दिन से हमारे घर के आसपास घूम रहा था। एक दिन पहले भी मिठाई का डिब्बा लेकर आया था। दिवाली पर आकाश बाहर पटाखे चला रहा था। तभी हमने गोली चलने की आवाज सुनी। मैंने देखा कि आकाश को गोली मार दी है।

हमले से पहले आकाश घर के अंदर चले गए थे। शूटर ने उनके पीछे जाकर गोली मारी। इस दौरान नाबालिग आरोपी स्कूटी लेकर खड़ा रहा।

चाचा से दूर रहने के लिए कहा, तो गुस्से में सिर फोड़ा नाबालिग आरोपी की मां ये मानती हैं कि बेटा पिछले कुछ साल में काफी बिगड़ गया था। गुस्सा करता था। लड़ाई-झगड़े भी करता था। इसलिए उसकी पढ़ाई खराब हो रही थी। उसका ओपन स्कूल में एडमिशन कराया था। अभी वो 12वीं में है।

मां आगे कहतीं हैं, ‘चाचा (आकाश) से मिलने के बाद बेटा बिगड़ रहा था। इसलिए मैंने उससे कहा था कि तुम उन लोगों से मिलना-जुलना बंद कर दो। वो नहीं माना। टोकने पर गुस्से में अपना सिर फोड़ लिया। बोला कि मैं पापा को छोड़ दूंगा। सबको छोड़ दूंगा, लेकिन चाचा को नहीं छोड़ूंगा। इसके बाद हम साइकेट्रिस्ट से उसका इलाज भी करवा रहे थे।’

पिता बोले– जो मरे, वे भी मेरे अपने थे, मैंने खुद बेटे को पुलिस के हवाले किया नाबालिग आरोपी के पिता  से बात करते हुए कहते हैं, ‘मैंने खुद ही लड़के को पुलिस के हवाले किया था। हम लोग भी थाने पहुंचे। वहां हम पर हमला किया गया। आकाश की फैमिली का गुस्सा भी जाहिर है। जो मरे हैं, वे भी मेरे अपने थे। मुझे बहुत दुख है। अगर मुझे पता चल जाए कि बेटे ने वाकई ये सब किया है, तो मैं खुद ही उसे फांसी देने के लिए बात करूंगा।’

आकाश पर गैंगरेप, मारपीट, सट्टेबाजी जैसे केस, जेल भी गया था पुलिस सूत्रों के अनुसार, आकाश का भी क्रिमिनल रिकॉर्ड रहा है। वो 2015 में जेल गया था। उस पर गैंगरेप और अगवा करने का आरोप था। इस मामले में विवेक विहार थाने में केस दर्ज हुआ था। आकाश करीब 3 साल जेल में रहा। इसी दौरान उसकी कई गैंग के लोगों से पहचान हो गई।

सूत्र बताते हैं कि इस केस में आकाश के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला था। उस पर सट्टेबाजी और जुआ खिलाने के आरोप में भी केस दर्ज थे। दो महीने पहले सितंबर में कुछ लोगों पर फायरिंग का मामला दर्ज हुआ था। इसमें पहले उसी नाबालिग लड़के का नाम आया था, जिस पर आकाश की हत्या की साजिश रचने का आरोप है। बाद में केस में आकाश का नाम जुड़ गया। कुछ हफ्ते पहले ही उसे क्लीनचिट मिली थी।

जिम जाने का शौकीन, दुबई आना-जाना, सट्टेबाजों से लिंक की पड़ताल में पता चला कि आकाश शर्मा शाहदरा इलाके में काफी चर्चित थे। सोशल मीडिया पर जिम की फोटो डालते थे। पार्टी के लिए अक्सर दुबई भी जाते थे। आसपास के लोगों ने पहचान जाहिर न करते हुए बताया कि आकाश अक्सर जरूरतमंदों की मदद करते थे। जरूरत पड़ने पर किसी को 50 हजार या लाख रुपए देने में भी नहीं हिचकिचाते थे।

ये आकाश की पुरानी फोटो हैं। वे सोशल मीडिया पर जिम की फोटो डालते थे।

हालांकि पुलिस सूत्रों ने दावा किया कि आकाश के सट्टेबाजों से लिंक रहे हैं। नाबालिग आरोपी के साथ फायरिंग केस में आकाश का नाम आया, फिर उसे क्लीन चिट मिली, तभी उसकी हत्या की साजिश शुरू हुई थी।

70 हजार रुपए का विवाद या गैंगवार में मर्डर पुलिस सूत्रों ने साफ किया कि शूटर के निशाने पर सिर्फ आकाश शर्मा ही थे। हालांकि फायरिंग में आकाश के बेटे कृष के हाथ में गोली लग गई। उनके भतीजे ऋषभ ने शूटर को पकड़ लिया था, इसलिए उसे गोली मारी गई।

शुरुआती जांच के आधार पर दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि मर्डर के पीछे 70 हजार रुपए का विवाद है। हालांकि पड़ोसियों ने जैसा बताया कि आकाश शर्मा जरूरतमंदों को मदद के तौर पर बड़ी रकम दे देते थे। ऐसे में 70 हजार रुपए के विवाद में मर्डर होना गले नहीं उतरता।

आकाश के मर्डर के पीछे पुलिस गैंगवार का एंगल भी देख रही है। पुलिस को शक है कि मर्डर में विरोधी गैंग का हाथ हो सकता है।

इसकी पड़ताल के लिए हमने पुलिस सूत्रों से बात की। पता चला कि हत्याकांड के पीछे गैंगवार भी हो सकता है। जेल में बंद एक गैंगस्टर से आकाश के करीबी संबंध रहे हैं। पिछले कुछ समय से एक गैंग का सरगना विदेश में बैठकर विरोधी गैंग को कमजोर करने में जुटा है।

गैंगवार को लेकर हमने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से जानकारी मांगी, लेकिन उन्होंने इस पर बात नहीं की।

फायरिंग के बाद रुका नहीं, इसलिए नाबालिग आरोपी शक के घेरे में पुलिस सूत्र बताते हैं कि CCTV फुटेज में दिखा है कि नाबालिग आरोपी, आकाश शर्मा के पैर छू रहा था, तब शूटर ध्यान से उसकी तरफ देख रहा था। इसी के बाद उसने तय किया कि आकाश को गोली मारनी है। शूटर गोली मार रहा था, तब आरोपी आगे वाली गली की तरफ बाहर निकल गया। उसने एक बार भी आकाश को बचाने की कोशिश नहीं की।

CCTV फुटेज में नाबालिग आरोपी आकाश के पैर छूते दिख रहा है। उस वक्त सफेद शर्ट पहने दिख रहा शूटर उनसे कुछ दूर खड़ा रहा।

पुलिस इस एंगल पर भी जांच कर रही है कि कहीं नाबालिग आरोपी को किसी गैंग ने मोहरा तो नहीं बनाया। उसके जरिए शूटर हायर करके मर्डर कराया गया। शूटर जिस तरह फायरिंग करके फरार हो गया, उससे वो पेशेवर लग रहा है। दिल्ली पुलिस यूपी के बुलंदशहर और मेरठ समेत पूरे NCR में उसकी तलाश कर रही है।

DCP बोले- शूटर की अब तक पहचान नहीं डबल मर्डर की सूचना शाहदरा के फर्श बाजार थाने को रात करीब 8:30 बजे मिली। शाहदरा DCP प्रशांत गौतम के मुताबिक, घटना के कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने 17 साल के नाबालिग लड़के को हिरासत में ले लिया। शूटर अब भी फरार है। उसकी पहचान नहीं हो सकी है। शूटर को कैसे हायर किया गया। इसकी जांच चल रही है।

DCP ने मीडिया को दिए बयान में बताया कि नाबालिग आरोपी कुछ समय से आकाश से नाराज था। इनका पैसों का लेनदेन था। शूटर का क्या मोटिव था, इस पर अभी कुछ नहीं कह सकते। एक बार शूटर पकड़ा जाएगा, तब उससे पूछताछ होगी। नाबालिग के बयान की भी जांच की जाएगी। अभी नाबालिग के बयान पर हम यकीन नहीं कर रहे हैं।

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