रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी ने सेकेंड ईयर के 4 और छात्रों को सस्पेंड कर दिया है। 5 स्टूडेंट एक महीने और एक छात्र दीपराज 10 दिन के लिए सस्पेंड रहेगा। इन्होंने MBBS फर्स्ट ईयर के 50 छात्रों के सिर मुंडवाए और फर्स्ट ईयर की लड़कियों की फोटो मांगी थी।
इससे पहले 4 नवंबर को कॉलेज ने 2 स्टूडेंट अंशु जोशी और दीपराज वर्मा पर एक्शन लिया था। वहीं, सोमवार को एंटी रैगिंग कमेटी की सिफारिश पर डीन डॉ. विवेक चौधरी ने अक्षत जायसवाल, विकास टंडन, आयुष गुप्ता और गौरव चन्द्र महाली पर कार्रवाई की गई है। इस तरह अब तक 6 छात्र सस्पेंड किए गए हैं।
परिजनों से मांगा शपथ पत्र
जानकारी के मुताबिक, रैगिंग के मामले में सस्पेंड स्टूडेंट के माता-पिता को भी कॉलेज तलब किया गया है। उन्हें रैगिंग के बारे में पूरी घटना की जानकारी देकर उनके बेटों के बारे में बताया गया है। दोबारा इस तरह की घटना ना हो, इसके लिए परिजनों को 13 नवंबर तक कॉलेज में शपथ-पत्र जमा करने कहा गया है।
26 अक्टूबर को हुई थी शिकायत
रायपुर मेडिकल कॉलेज MBBS फर्स्ट ईयर के छात्र ने एंटी रैगिंग हेल्पलाइन नंबर पर 26 अक्टूबर को शिकायत की थी। कहा था कि सेकेंड ईयर के सीनियर्स उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं। मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक, दो छात्र के सस्पेंशन के बाद पीड़ित छात्र ने दोबारा से नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) की एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर शिकायत की थी।
दूसरी शिकायत में कहा गया कि, रैंगिग में कई और छात्र हैं। पीड़ित ने सीनियर्स के वॉट्सएप चैट को आधार बनाया। दिल्ली से निर्देश आए कि, आप दोबारा पड़ताल कर रिपोर्ट करें। सोमवार को दोबारा कमेटी बैठी। सबूत के आधार पर बाकी छात्रों पर कार्रवाई की गई। उधर, यह घटना लीक कैसे हुई? इसे लेकर डीन डॉ. विवेक चौधरी ने विभागाध्यक्षों से जवाब-तलब किया है।
छात्रों के सिर मुंडवाए
सीनियर्स ने हॉस्टल में रहने वाले उन जूनियर्स जिनके बाल ज्यादा बड़े थे, उनके सिर मुंडवाए थे। इनकी संख्या 50 से ज्यादा बताई जा रही है। मारपीट किए जाने की भी बात आई। हालांकि अभी तक फर्स्ट ईयर के छात्रों ने मारपीट की कोई भी लिखित शिकायत किसी भी स्तर पर नहीं की है।
अब तक पुलिस से नहीं हुई शिकायत
इस मामले में कॉलेज प्रबंधन और जूनियर छात्रों की ओर से पुलिस के पास कोई शिकायत नहीं की गई है। रायपुर एसएसपी संतोष सिंह का कहना है कि अगर शिकायत मिलती है, तो एंटी रैगिंग एक्ट के तहत मामले की जांच की जाएगी।
कानून में जेल तक का प्रावधान
वरिष्ठ वकील योगेंद्र ताम्रकार ने बताया कि, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 323 के मुताबिक शारीरिक चोट पहुंचाने और धारा 506 के तहत धमकी देने, डराने-धमकाने पर सजा का प्रावधान है। इसमें जेल और जुर्माने का भी जिक्र है। यूजीसी के एंटी रैगिंग कानून में छात्र के निलंबन, जुर्माना और कॉलेज से बाहर करने तक का प्रावधान है। इस दौरान आरोपी छात्रों से शपथ-पत्र लिए जाने का प्रावधान है।
रैगिंग बर्दाश्त नहीं, चेतावनी पत्र जारी किया
पं. जे.एन मेडिकल कॉलेज के डीन विवेक चौधरी का कहना है कि, रैगिंग को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी सीनियर को सख्त चेतावनी पत्र जारी किया गया है कि अगर, कोई भी रैगिंग संबंधी गतिविधियों में लिप्त पाया गया तो अनुशासनात्मक-दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।