उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी और भाजपा सांसद बृजलाल ने बेहमई नरसंहार को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने अपनी किताब में दावा किया कि फूलन देवी ने अपने कुकर्मों को छुपाने के लिए यह नरसंहार अंजाम दिया था। बृजलाल ने यह भी कहा कि फूलन देवी द्वारा बेहमई में किए गए बलात्कार के आरोप सच नहीं थे। उनके मुताबिक, फूलन देवी ने अपनी कहानी को गढ़ने के लिए मीडिया और फिल्म निर्माताओं की मदद ली थी, और उस घटना को अलग तरीके से पेश किया गया।
बृजलाल ने बताया कि फूलन देवी का दावा कि बेहमई में ठाकुरों ने उसका बलात्कार किया, पूरी तरह से गलत था। उनका कहना था कि फरवरी के महीने में गांवों में गैंग रुकते नहीं हैं और यह दावा कि फूलन देवी 10 दिनों तक वहां रुकी थी, भी गलत था। बृजलाल ने स्पष्ट किया कि फूलन देवी के साथ बीहड़ में गैंगरेप की घटना हुई थी, और इसमें मुख्य रूप से लालाराम और सरराम शामिल थे।
बेहमई नरसंहार 14 फरवरी 1981 को हुआ था, जब फूलन देवी ने 20 लोगों को गोलियों से भून दिया था। इस नरसंहार का कारण फूलन देवी का श्रीराम और लालाराम से रंजिश था। ये डाकू उसे जिम्मेदार मानते थे, और बदला लेने की योजना के तहत यह खौ़फनाक घटना घटी। बृजलाल के अनुसार, फूलन देवी को इस नरसंहार से एक नई पहचान मिली और वह “बैंडिट क्वीन” के रूप में प्रसिद्ध हुईं।
यह खुलासा बृजलाल के उस दावे को उजागर करता है कि फूलन देवी ने अपनी कहानी को गढ़कर अपने कुकर्मों को छुपाने की कोशिश की।
पूर्व डीजीपी और भाजपा सांसद बृजलाल ने फूलन देवी के खिलाफ एक बड़ा खुलासा किया है। बृजलाल के अनुसार, फूलन देवी ने बेहमई नरसंहार को अपनी आपत्तिजनक गतिविधियों और कुकर्मों को छुपाने के लिए अंजाम दिया था। उन्होंने यह दावा किया कि फूलन देवी का यह कहना कि उसका अपहरण हुआ और बेहमई में ठाकुरों ने उसका रेप किया—गलत था। बृजलाल ने अपनी किताब में यह स्पष्ट किया कि फूलन देवी के साथ बीहड़ में गैंगरेप हुआ था, न कि बेहमई में।
उन्होंने कहा कि फूलन देवी ने अपनी गलत गतिविधियों और घटनाओं को मीडिया में गलत तरीके से प्रस्तुत किया। बृजलाल ने इस घटना का खुलासा करते हुए यह बताया कि मीडिया ने घटना को एक विशेष तरीके से पेश किया, जिसमें बेहमई नरसंहार की कहानी को मिर्च-मसाला लगाकर प्रस्तुत किया गया।
बेहमई नरसंहार में फूलन देवी और उनके गिरोह ने 20 निर्दोष पुरुषों को लाइन में खड़ा करके गोली मारी। यह नरसंहार फूलन देवी की पूर्व की रंजिश और मुखबिरी के शक में हुआ था। बृजलाल का कहना है कि यह घटना पूरी तरह से साजिश का परिणाम थी, जहां फूलन देवी ने अपनी खुद की सुरक्षा और बदला लेने के लिए निर्दोषों की हत्या की।
यह खुलासा कई साल बाद बेहमई नरसंहार के ऐतिहासिक पहलुओं को नए तरीके से देखता है और फूलन देवी की छवि को लेकर सवाल खड़े करता है।