मेरठ के टीपी नगर स्थित अंबेडकर कॉलोनी में हाल ही में एक मामला सामने आया, जिसमें 30 परिवारों को जो कुछ महीने पहले कथित रूप से ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिए गए थे, उन्हें पुनः हिंदू धर्म में वापस लाया गया। यह घटना तब प्रकाश में आई जब अक्टूबर में हिंदू संगठनों को जानकारी मिली कि इन परिवारों को प्रार्थना सभाओं में जबरदस्ती शामिल कराया जा रहा था। इसके बाद हिंदू संगठनों और पुलिस ने कार्रवाई शुरू की, जिससे इलाके में हंगामा मच गया।
इन परिवारों ने दावा किया कि उन्हें ईसाई मिशनरी संगठनों द्वारा विभिन्न प्रलोभनों के जरिए धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया गया था, जिसमें आर्थिक सहायता, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य सुविधाओं का लालच दिया गया था। समाजसेवी दुष्यंत रोहटा और अन्य नेताओं का आरोप है कि इस धर्मांतरण के पीछे एक पादरी का हाथ था, जिसने गरीब परिवारों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया था।
इसके बाद, हिंदू संगठनों ने इन परिवारों के लिए अंबेडकर कॉलोनी में एक हवन का आयोजन किया, जिससे उन्हें पुनः हिंदू धर्म में शामिल किया गया। इस धार्मिक आयोजन के बाद सभी परिवारों ने हिंदू धर्म की पुनः दीक्षा ली। दुष्यंत रोहटा ने इसे सनातन संस्कृति की रक्षा का प्रतीक बताया और भविष्य में ऐसे धर्मांतरण विरोधी अभियान चलाने की बात कही।
हिंदू संगठनों ने पादरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि धर्मांतरण के इस प्रकार के अभियानों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और जरूरत पड़ने पर कानूनी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि समाज में किसी भी प्रकार के धर्म परिवर्तन को सहन नहीं किया जाएगा।