विश्व हिंदू परिषद (विहिप) इन दिनों पूरे भारत में समरसता यात्राओं का आयोजन कर रही है, जिनका उद्देश्य समाज में भेदभावों को समाप्त कर एकता और समरसता की भावना को बढ़ावा देना है। यह यात्राएं सात दिन की होती हैं, और कुल 30 यात्राओं का आयोजन किया जाएगा।
इन यात्राओं की शुरुआत 15 नवंबर 2024 को भोपाल के पास राजगढ़ से हुई। इस अवसर पर साधु-संतों और विहिप के केंद्रीय महामंत्री श्री बजरंग लाल बागड़ा ने भगवा ध्वज दिखाकर यात्रा का शुभारंभ किया। यात्रा में शामिल कार्यकर्ता और संत राजगढ़ विभाग के विभिन्न गांवों में जाकर ग्रामीणों से सामाजिक एकता की अपील करेंगे और जाति, रंग, भाषा या प्रांत के आधार पर भेदभाव न करने की सलाह देंगे। इसके साथ ही छुआछूत जैसे कुप्रथाओं को छोड़ने का संदेश भी दिया जाएगा।
समाजिक समरसता अभियान के प्रमुख, श्री देवजी भाई रावत ने बताया कि हर यात्रा एक महान महापुरुष के नाम पर आयोजित की जाएगी, जो समाज में समरसता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित थे। यात्रा के दौरान 5-6 छोटे-बड़े कार्यक्रम और नुक्कड़ सभाएं आयोजित की जाएंगी, जिनमें सेवा बस्तियों में समरसता भोज भी शामिल होगा, ताकि विभिन्न जातियों और वर्गों के लोग एक साथ मिलकर भोजन कर सकें और समानता की भावना को महसूस कर सकें।
इन यात्राओं का आयोजन विहिप की 70,000 इकाइयों के साथ लाखों गांवों तक किया जाएगा, और इसे सफल बनाने के लिए स्थानीय समुदायों, साधु-संतों और अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों की मदद ली जा रही है। देवजी भाई रावत का मानना है कि इन यात्राओं के माध्यम से समाज में समानता और एकता को बढ़ावा देने के प्रयासों को साकार किया जाएगा, जैसा कि विहिप के मार्गदर्शकों ने हमेशा कहा था।