कुएं से निकल रहा पेट्रोल…चौथे दिन भी सफाई नहीं : स्थानीय बोले-बोर के पानी में भी गंध,स्वास्थ्य पर खतरा; प्रशासन बोला-कोई घटना हुई तो HP जिम्मेदार…!!

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छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के गीदम में कुएं से चौथे दिन भी पेट्रोल निकल रहा है। हिंदुस्तान पेट्रोलियम की टीम सफाई नहीं कर सकी। अब बोर के पानी से भी गंध आने लगी है। पिछले 4 दिनों से घर का चूल्हा नहीं जला है। बिजली भी काट दी गई है। जैन परिवार रात में एक किमी दूर जाकर लॉज में सोने को मजबूर है। वहीं शहरवासियों ने कहा कि हम बोर का पानी पीते हैं। उसमें भी गंध आने लगी है। घर में पहले से बीमार लोग हैं। पेट्रोल मिला पानी पीने से हेल्थ पर बुरा असर पड़ेगा। हालांकि, PHE विभाग ने 21 घरों का पानी लैब टेस्ट के लिए भेजा है। वहीं प्रशासन ने कहा कि कोई अप्रिय घटना होती है, तो हिंदुस्तान पेट्रोलियम जिम्मेदार होगा।

लेटलतीफी के चलते टीम को करना पड़ रहा आक्रोश का सामना

दरअसल, पेट्रोल पंप की टंकी जमीन के अंदर क्रैक हो गई है। जमीन के अंदर से पेट्रोल रिसकर वार्ड नंबर-12 में स्थिति 2 घरों के कुएं में पहुंच गया। प्रशासन ने इलाके को सील कर दिया है। वहीं पेट्रोल निकालने और कुएं की सफाई करने में लेटलतीफी के चलते टीम को शहरवासियों के आक्रोश का सामना करना पड़ा।

बोर के पानी में पेट्रोल की गंध, परिवार की बढ़ी परेशानी

गन्नू की पत्नी ममता दुबे ने कहा कि, अब उनके घर के बोर के पानी में भी पेट्रोल की गंध आ रही है। पानी पीने योग्य नहीं है। उनके पति और जेठ दोनों सुगर के पेशेंट हैं। अस्थमा की समस्या है। ऐसे में इस पानी का उपयोग कर लेते हैं, तो कहीं तकलीफ न बढ़ जाए। उन्होंने प्रशासन से दूसरी व्यवस्था की मांग की है।

मजबूरी ऐसी की रात में घर छोड़ना पड़ रहा

कुएं के मालिक गोलू जैन ने बताया कि कुएं से पेट्रोल निकलने के बाद परिवार काफी परेशान है। मजबूरी ऐसी है कि, घर तक छोड़ना पड़ रहा है। रात में बच्चों समेत पूरा परिवार घर छोड़कर हारम पारा स्थित एक लॉज में सोने जाता है। यह सिलसिला कितने दिन चलेगा, पता नहीं है। 6

मंदिर और धार्मिक कामों में यूज होता था पानी

गोलू जैन ने कहा कि, उनके घर के कुएं का पानी पिछले 15 साल से जैन मंदिर में इस्तेमाल होता है। भगवान का अभिषेक करने और अन्य कामों के लिए इस पानी का इस्तेमाल किया जाता है। यह गीदम में इकलौता कुंआ है, जिससे मंदिर से जुड़ा हर एक काम किया जाता है।

समाज के सिर्फ एक या दो लोग ही नहीं बल्कि अधिकांश परिवार मंदिर के लिए यहीं से पानी ले जाते हैं, लेकिन अब उनके सामने भी विडंबना आ गई। उन्होंने कहा कि, यह हमारे आस्था का कुंआ था, जो बर्बाद हो चुका है। अब यहां का पानी अशुद्ध हो चुका है।

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