सेड़वा कैंप में जवानों के साथ सीएम साय की रात: बस्तर में कैंप में रुकने वाले पहले मुख्यमंत्री बने

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नक्सल ऑपरेशन के बीच सेड़वा कैंप में सीएम साय ने बिताई रात

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बस्तर के सेड़वा कैंप में सुरक्षा बलों के साथ रात बिताई, ऐसा करने वाले वे प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री हैं। दक्षिण बस्तर, अबूझमाड़ और अन्य चुनौतीपूर्ण इलाकों में बने नए सुरक्षा कैंपों में से यह एक है। सोमवार रात सीएम ने बस्तरिया बटालियन कैंप में रुककर जवानों से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया।

छत्तीसगढ़ में साय सरकार के कार्यकाल में नक्सल विरोधी अभियानों में तेजी आई है। बीते 10 महीनों में बस्तर संभाग के अंदरूनी और सीमावर्ती इलाकों में 30 मुठभेड़ों में 197 माओवादी मारे गए, जिनमें कई बड़े नक्सली नेता शामिल हैं। आत्मसमर्पण और पुनर्वास योजना के तहत 740 से अधिक माओवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर सामान्य जीवन अपनाया है।

नए सुरक्षा कैंप और बस्तरिया बटालियन की भूमिका
राज्य सरकार की “नियद नेल्लानार कार्ययोजना” के तहत इस साल बस्तर संभाग में 21 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए। इनमें से 14 कैंप बीजापुर और सुकमा में, और 7 नारायणपुर के अबूझमाड़ क्षेत्र में खोले गए। इन कैंपों के जरिए स्थानीय लोगों को सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा, और राशन जैसी बुनियादी सुविधाएं मिल रही हैं।

बस्तर क्षेत्र की सुरक्षा में भागीदारी बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने 2017 में बस्तरिया बटालियन 241 वाहिनी सीआरपीएफ का गठन किया। 2018 में सेड़वा में इसका मुख्यालय स्थापित हुआ। 712 स्थानीय युवा, जिनमें 234 महिलाएं शामिल हैं, इस बटालियन का हिस्सा हैं। ये जवान मिनपा, डूब्बामरका, कोंडापल्ली, और टेकलगुडेम जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं।

मुख्यमंत्री का यह कदम न सिर्फ जवानों का मनोबल बढ़ाने बल्कि स्थानीय जनता का विश्वास जीतने के उद्देश्य से उठाया गया है, जो नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

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