15 विधानसभा और नांदेड़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव कल: भाजपा और कांग्रेस के लिए साख का सवाल, यूपी में सपा-भाजपा का जातीय समीकरण दांव पर
बुधवार को 5 राज्यों की 15 विधानसभा और महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव होने जा रहे हैं। इनमें से 13 सीटें विधायकों के सांसद बनने, 1 के निधन और 1 के जेल जाने से खाली हुई हैं। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 9 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी।
इन उपचुनावों में भाजपा, कांग्रेस और सपा के पास बराबर 4-4 सीटें थीं, जबकि 1-1 सीट आम आदमी पार्टी (AAP), राष्ट्रीय लोकदल (RLD) और निषाद पार्टी के पास थी। नांदेड़ लोकसभा सीट कांग्रेस के पास थी, जो सांसद वसंतराव चव्हाण के निधन के बाद खाली हुई।
राज्यवार समीकरण और रणनीतियां:
उत्तर प्रदेश:
पूर्वांचल, अवध, और पश्चिमी यूपी की 9 सीटें अगले विधानसभा चुनाव का लिटमस टेस्ट मानी जा रही हैं। सपा ने जातीय समीकरण साधते हुए पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (PDA) पर जोर दिया है, जबकि भाजपा ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर 8 OBC और दलित उम्मीदवार उतारे हैं। मैनपुरी की करहल और मुरादाबाद की कुंदरकी सीटों पर कड़ा मुकाबला है।
पंजाब:
राज्य की 4 सीटों पर कांग्रेस, भाजपा और AAP के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। कांग्रेस और AAP ने परिवारवाद पर जोर दिया, तो भाजपा ने दलबदलुओं पर भरोसा किया है। गिद्दड़बाहा और डेरा बाबा नानक सीटों पर कांग्रेस के दिग्गजों की साख दांव पर है।
उत्तराखंड:
कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अपने पूर्व विधायकों को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी प्रचार में जुटे हैं।
केरल:
यहां पलक्कड़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर है। कांग्रेस से बागी हुए निर्दलीय उम्मीदवार ने मुकाबले को और रोचक बना दिया है।
महाराष्ट्र:
नांदेड़ लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई है। यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के गढ़ में आती है। कांग्रेस ने वसंतराव के बेटे रवींद्र चव्हाण को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने संतुक हंबार्डे को।
राजनीतिक मायने:
इन उपचुनावों के नतीजे लोकसभा 2024 से पहले जनता के मूड का संकेत देंगे। उत्तर प्रदेश, पंजाब और महाराष्ट्र की सीटों पर जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों का प्रभाव साफ दिख रहा है।