नवा रायपुर स्थित संचालनालय इंद्रावती भवन में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी)की टीम ने बुधवार दोपहर 2 बजे छापा मारकर मछली पालन विभाग के संयुक्त संचालक को ट्रैप किया है। संचालक ने विभागीय काम करने और फाइल आगे बढ़ाने के लिए कर्मचारी से दो लाख की रिश्वत मांगी थी। वो लगातार पैसों के लिए कर्मचारी को परेशान कर रहे थे। तब कर्मचारी ने इसकी शिकायत एसीबी से की। कर्मचारी एसीबी के साथ एक लाख लेकर संचालनालय पहुंचा। जहां एसीबी ने रिश्वत लेते हुए उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें एसीबी मुख्यालय लाया गया। जहां उनसे पूछताछ की गई। उन्हें गुरुवार को कोर्ट पेश किया जाएगा।
एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि जांजगीर-चांपा मछली पालन विभाग में नरेंद्र श्रीवास उप अभियंता हैं। जांजगीर-चांपा की फाइल संयुक्त संचालक देव कुमार सिंह के यहां फंसी हुई है। उसे आगे बढ़ाने के लिए देव कुमार लगातार पैसों की डिमांड कर रहा था। उन्होंने दो लाख रुपए की रिश्वत मांगी। तब नरेंद्र ने इसकी शिकायत एसीबी में की।
दरअसल, शिकायत के बाद एसीबी ने देव कुमार को रंगे हाथ पकड़ने की प्लानिंग की। नरेंद्र एक लाख लेकर एसीबी दफ्तर पहुंचा। जहां उसके नोटों में केमिकल लगाया गया। नरेंद्र के साथ एसीबी के अधिकारी उसके रिश्तेदार बनकर संचालनालय पहुंचे। जहां नरेंद्र ने देव कुमार को पहली किश्त एक लाख दी। पैसा लेकर उन्होंने अपने बैग में रख लिए। तभी एसीबी ने पकड़ लिया। उनके हाथों में केमिकल लगा हुआ था। रिश्वत लेने के आरोप में तुरंत उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू हो गई है।
रिश्वत लेते पकड़े गए आरआई-पटवारी एसीबी ने कोरबा में पदस्थ आरआई अश्वनी राठौर व पटवारी धीरेंद्र लाटा को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। दोनों ने जमीन का सीमांकन करने के लिए 15 हजार और 13 हजार रुपए मांगे थे। जमनीपाली के संजय दिवाकर ने इसकी एसीबी में शिकायत की। उसके बाद दोनों को रिश्वत लेते पकड़ लिया गया है। दोनों को गुरुवार को कोर्ट पेश किया जाएगा।