टिकरापारा के मोटर गैरेज संचालक शहजाद आत्महत्याकांड में पुलिस सिपाही महेश नेताम की संदिग्ध भूमिका की जांच की जा रही है। मृतक के सुसाइड नोट में महेश का नाम सबसे पहले आया, जिसके बाद पूरे इलाके में यह चर्चा तेज हो गई कि थाने के अधिकांश मामलों को महेश ही निपटाता है। थाने में तैनात अन्य सिपाहियों के साथ मिलकर वह खास कमरों में बैठकर केस सुलझाने का काम करता है।
शहजाद और उसके बेटे के खिलाफ मामला दर्ज करने में महेश की अहम भूमिका बताई जा रही है। पुलिस थाने से शहजाद को 19 नवंबर को छोड़ने के बाद महेश लगातार उसके संपर्क में था और पैसे की मांग कर रहा था। मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया कि महेश पैसे नहीं देने पर उन पर झूठे आरोप लगाने की धमकी दे रहा था।
इस घटना के बाद से महेश का थाने से गायब होना और उसके खिलाफ की जा रही जांच इस बात की ओर इशारा करती है कि पूरे थाने में उसका काफी प्रभाव है। इसके अलावा, इलाके के अन्य थानों में भी कुछ सिपाही और हवलदार विवादों में हैं और उनका काम-काज भी संदेह के घेरे में है।
शहजाद के मामले में महेश के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बाद अब पुलिस उच्च अधिकारियों की जांच टीम मामले को गंभीरता से लेकर आगे की कार्रवाई करने की तैयारी में है।