भिलाई पालिका सफाई टेंडर पर कर्मचारी महासंघ का विरोध: आय और खर्च के अंतर से आर्थिक व्यवस्था पर संकट”

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भिलाई नगर पालिक निगम में 21 नवंबर को आयोजित विशेष सामान्य सभा में शहर सरकार ने नए सफाई टेंडर को मंजूरी दे दी। इस निर्णय का विरोध अब कर्मचारी महासंघ ने भी किया है। महासंघ ने निगम आयुक्त को पत्र लिखकर सफाई टेंडर को रद्द करने की मांग की है।

स्वायत्तशासी कर्मचारी महासंघ के नगर पालिक निगम भिलाई शाखा के महामंत्री कृष्णा देशमुख ने पत्र में कहा कि निगम की सालाना आय करीब 56 करोड़ रुपए है, जिससे बिजली बिल, कर्मचारियों का वेतन और अन्य खर्चे पूरे किए जाते हैं। यदि 50 करोड़ से अधिक राशि केवल सफाई पर खर्च की गई, तो निगम की आर्थिक स्थिति बिगड़ जाएगी।

देशमुख ने चेतावनी दी कि यदि यह टेंडर लागू हुआ, तो कर्मचारियों का वेतन देने में समस्या होगी, जिससे निगम की अन्य कार्यप्रणालियों पर भी असर पड़ेगा। इसके कारण निगम की पूरी व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।

महासंघ ने सुझाव दिया कि भिलाई नगर निगम को स्वच्छ भारत मिशन के तहत सफाई कार्य के लिए केंद्र सरकार से बजट प्राप्त करने के लिए प्रयास करना चाहिए। लेकिन महापौर नीरज पाल ने कहा कि उन्होंने कई बार केंद्र सरकार को इस संबंध में प्रस्ताव भेजे हैं, और स्वच्छ भारत मिशन के तहत ही बजट मिलने की संभावना है।

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