मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि डबल इंजन की सरकार के तहत छत्तीसगढ़ में विकास की गति अब तेज हो गई है, और राज्य में विकास की रेल तेजी से दौड़ रही है। रायपुर से बिलासपुर तक की अपनी ट्रेन यात्रा के दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ के तेजी से हो रहे विकास को लेकर अपने संकल्प को दोहराया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दस वर्षों में रेलवे क्षेत्र में जो बदलाव आए हैं, उससे न केवल यात्री सुविधाएं बढ़ी हैं, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिला है। रेलवे के आधुनिकीकरण से रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं और इसके विस्तार से राज्य के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों को बड़े शहरों से जोड़ा जा रहा है, जिससे व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है।
वहां से यात्रा करते हुए मुख्यमंत्री ने वंदे भारत, तेजस और गतिमान जैसी हाई-स्पीड ट्रेनों के बारे में बताया, जिन्होंने यात्रा समय को कम किया है। उन्होंने बताया कि अब ट्रेनें वातानुकूलित डिब्बों, आरामदायक सीटों, वाई-फाई और ऑनबोर्ड कैटरिंग जैसी सुविधाओं से लैस हैं, और स्टेशनों को भी आधुनिक सुविधाओं से सजाया गया है, जिससे यात्रियों का अनुभव बेहतर हुआ है।
ई-टिकटिंग और डिजिटल भुगतान के जरिए बुकिंग प्रक्रिया भी काफी सरल और तेज हुई है। सौर ऊर्जा और बायो-टॉयलेट जैसी पहलों से पर्यावरण की रक्षा में मदद मिल रही है, और भारतीय रेलवे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स और ऑटोमेशन जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर दक्षता और सेवा गुणवत्ता में सुधार कर रहा है।
रेल परियोजनाओं के चलते छत्तीसगढ़ का औद्योगिक और सामाजिक विकास होगा। डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेल लाइन परियोजना, जो लगभग 295 किलोमीटर लंबी होगी और जिसकी अनुमानित लागत 4021 करोड़ रुपये है, पर तेजी से काम चल रहा है। इसके अलावा, कोरबा-अंबिकापुर और गढ़चिरौली-बीजापुर-बचेली तक नई रेल लाइनों के लिए भी मंजूरी मिल चुकी है, जो राज्य में विकास को और भी गति देंगी।