राज्य सेवा परीक्षा (सीजीपीएससी) 2023 के फाइनल रिजल्ट जारी कर दिए गए हैं। रविशंकर वर्मा ने इसमें टॉप किया है। कुल 242 पदों के लिए यह भर्ती निकली थी। इसके लिए 703 उम्मीदवारों ने इंटरव्यू दिया था। टॉप टेन की लिस्ट में इस बार 6 पुरुष और 4 महिला हैं। पीएससी-2022 की टॉप-10 लिस्ट में 6 महिलाएं थी। टॉपर रविशंकर ने मुंबई से सॉफ्टवेयर इंजीिनयर की नौकरी छोड़कर परीक्षा की तैयारी की और सफल हुए।
इस बार साक्षात्कार 100 अंक का हुआ था। पिछले वर्षों की तुलना में 50 नंबर की कटौती की गई थी। पहले 150 नंबर का इंटरव्यू होता था। इसे लेकर विवाद हुआ। मेंस के 7 पेपर, जिसमें प्रत्येक के लिए 200 अंक निर्धारित था। इसमें 1400 नंबर और इंटरव्यू 100 यानी कुल 1500 नंबर के आधार पर मेरिट बनी है।
साक्षात्कार 18 नवंबर से शुरू हुए थे। इंटरव्यू के आखिरी दिन गुरुवार रात फाइनल रिजल्ट जारी किए गए। मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू के नंबर को जोड़कर मेरिट लिस्ट बनाई गई है।
पीएससी-2023 में डिप्टी कलेक्टर, छग राज्य वित्त सेवा अधिकारी, खाद्य अधिकारी, जिला आबकारी अधिकारी, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, जिला पंजीयक, राज्य कर सहायक आयुक्त, अधीक्षक जेल जिला,
सहायक संचालक आदिम जाति तथा अनुसूचित जनजाति, सहायक पंजीयक, जिला सेनानी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, बाल विकास अधिकारी, छग अधीनस्थ लेखा सेवा अधिकारी, नायाब तहसीलदार, राज्य कर निरीक्षक, सहायक निरीक्षक/ सहकारिता विस्तार अधिकारी के पद हैं। डीएससी का पद नहीं था।
टॉप-10 में इस बार 4 लड़कियां
- रविशंकर वर्मा
- मृणमयी शुक्ला
- आस्था शर्मा
- किरण राजपूत
- नंदिनी
- सोनल यादव
- दिव्यांश चौहान
- शशांक कुमार
- पुनित राम
- उत्तम कुमार
जिला रोजगार अफसर थे, पीएससी की तैयारी भी की: रविशंकर वर्मा
बलौदाबाजार जिले के कोसमंदी गांव निवासी रविशंकर वर्मा अभी बैकुंठपुर में जिला रोजगार अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं। रविशंकर ने मीडिया को बताया कि उन्होंने एनआईटी रायपुर से साल 2012 में इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग की। फिर मुंबई में प्लेसमेंट हुआ। यहां वे साल 2015 तक सॉफ्टवेयर इंजीनियर रहे। 2015 में नौकरी छोड़ दी और रायपुर आ गए। फिर सिविल सर्विस की तैयारी की। मैंने साल 2017 से 5 बार परीक्षा दी। इस बार सफल हो गया।
इनसे सीखें : किसी के लिए पड़ोसी प्रेरणा बने, तो किसी ने पिता का सपना साकार किया
मृणमयी शुक्ला अभी राज्य वित्त सेवा के पद पर कार्यरत हैं। ये उनका 6वां अटेंप्ट था। पति निलय तिवारी बिलासपुर सिम्स में डॉक्टर हैं। उन्होंने बताया कि वे 2016 में नायब तहसीलदार बनीं। 2018 में 6वीं रैंक थी। 2021 में डीएसपी के पद पर चयन हुआ। सपना डिप्टी कलेक्टर बनना था। इसलिए जॉब में रहते रहते हुए तैयारी की है। सपना अब साकार हुआ।
नंदिनी साहू ने दूसरे प्रयास में सफलता हासिल की। पहले प्रयास में 179वीं रैंक थी। नंदिनी मूलत: महासमुंद की हैं। वे बताती हैं कि जब वह 12वीं में थीं, तभी पिता मेघनाथ का निधन हो गया। उनकी चार बड़ी बहनें हैं। घर में शुरू से ही पढ़ाई का माहौल रहा। चारों दीदी जॉब में हैं। उनसे प्रेरित होकर पढ़ी और आगे बढ़ी। नंदिनी ने कहा कि स्वर्गीय पिता का सपना सच हुआ।
मुंगेली जिले के लोरमी ब्लॉक के वेंकट नवागांव की किरण सिंह राजपूत ने दूसरे प्रयास में सफल रहीं। पिता गजेंद्र सिंह राजपूत खेती करते हैं। बिलासपुर में रहकर तैयारी करते हुए पिछली बार किरण ने प्रवेश परीक्षा तो पास कर ली थी, लेकिन मुख्य परीक्षा में रह गईं। किरण बताती हैं कि वे माता-पिता ने उनकी परीक्षा की तैयारी में पूरा सहयोग किया।
तिल्दा के छपोरा गांव के पुनीत वर्मा के पिता सालिक राम वर्मा किसान हैं। पुनीत बताते हैं कि घर में पढ़ाई का माहौल नहीं था, पर आसपास के लोगों को देखकर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। 2016 में छात्रावास अधीक्षक के पद पर चयन हुआ। 2018 की पीएससी परीक्षा में सहायक भू-अभिलेख अधिकारी के रूप में चयन हुआ। 2021 आबकारी निरीक्षक के पद पर चयन हुआ।