प्रतापपुर के जंगल में मिला मादा हाथी का शव : सूरजपुर जिले में 10 दिनों से जंगल में पड़ा रहा हथिनी का शव, वनविभाग ने दफनाया

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सूरजपुर वनमंडल अंतर्गत प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के सरहरी जंगल में मादा हाथी का शव मिला है। मादा हाथी की मौत करीब 10 दिनों पूर्व हुई है। शव सड़ने की स्थिति में आ गया है। हथिनी के शव का पोस्टमार्टम करने वाले पशु चिकित्सकों ने बीमारी के कारण मौत होने की आशंका जताई है। बिसरा प्रिजर्व कर जांच के लिए भेजा गया है।

जानकारी के मुताबिक, गुरूवार सुबह प्रतापपुर वनपरिक्षेत्र के सरहरी से लगे जंगल में निगरानी पर निकले वनकर्मी बदबू आने पर जंगल के बीच में कक्ष क्रमांक 91 में पहुंचे, जहां मादा हाथी का शव पड़ा मिला। सूचना पर पीसीसीएफ सरगुजा व्ही. माथेश्वरन, सीसीएफ वाईल्ड लाइफ केआर बढ़ई, सूरजपुर डीएफओ पंकज कमल, एसडीओ प्रतापपुर आशुतोष भगत सहित अधिकारी मौके पर पहुंचे।

वेटनरी डॉक्टरों की टीम ने किया पोस्टमार्टम घटनास्थल पर वेटनरी के एडिशन डिप्टी डायरेक्टर डा.महेन्द्र नाथ पांडेय सहित तीन डॉक्टरों की ने मृत मादा हथिनी के शव का पोस्टमार्टम किया। मौके पर तमोर पिंगला सेंचुरी के पशु चिकित्सक डा. अजीत पांडेय भी उपस्थित रहे। चिकित्सकों के अनुसार शव करीब दस दिनों पुराना है। मृत मादा हथिनी की आयु 40 वर्ष अनुमानित है। उसका पेट खाली मिला एवं कई अंग काम नहीं कर रहे थे।

विसरा भेजा गया जांच के लिए चिकित्सकों की टीम ने मृत हाथिनी का बिसरा प्रिजर्व किया है। बिसरा जांच में मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा। वनविभाग ने मौके पर गड्ढा खोदकर हथिनी के शव को दफना दिया है।

अकेले विचरण कर रही थी हथिनी प्रतापपुर एसडीओ फारेस्ट आशुतोष भगत ने बताया कि मादा हथिनी अकेले विचरण कर रही थी। आसपास बिजली के तार नहीं मिले हैं। हथिनी का शव जंगल के बीच में है। उसे मारे जाने की आशंका नहीं है। मौत का कारण पशु चिकित्सक बता पाएंगे।

प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में 9 हाथी विचरण कर रहे हैं। इनमें से 8 हाथियों का दल धरमपुर के पास एवं एक हाथी अलग से विचरण कर रहा है। मृत मादा हथिनी किस दल की थी, यह नहीं पता चल सका है।

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